नई दिल्ली। केंद्रीय परिवार एवं कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने बुधवार को कहा कि अंगदान करने का संकल्प लेने और परिजनों की ओर से इस यज्ञ को पूरा किए जाने के त्याग और बलिदान को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता क्योंकि यह ईश्वरीय है। डॉ हर्षवर्धन ने यह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) के जवाहर लाल नेहरु सभागार में अंगदान करने वाले लोगों की याद में अंग पुन:स्थापना बैकिंग संस्था (ओरबो) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने इस मौके पर भावुक होते हुए कहा,‘‘अंगदाताओं की स्मृति को नमन करता हूं। मैं अपने सामान्य जीवन और सार्वजनिक जीवन में इससे पहले इस तरह के सात्विक,इतना गहरा,सच्चा और भावनाओं के अंदर डूबे हुए कार्यक्रम में शामिल हुआ। जिन्होंने अपने शरीर को और शरीर के अंगों को दूसरे को जिन्दगी देने के लिए दान किया ,वे आज भले ही हमारे बीच में नहीं है लेकिन वे नहीं हो कर भी हैं।
वे कई लोगों की खुशियों और जीवन में जीवित हैं।’’ उन्होंने कहा कि जो कार्य सरकार नहीं कर सकती,उसके बड़े-बड़े फंड़ नहीं कर सकते वे काम समाज का एक अदना-सा व्यक्ति कर सकता है। इस मौके पर उपस्थित मशहूर बॉक्सर मेरीकॉम और गायक मोहित चौहान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा,‘‘ ऐसा नहीं है कि इन लोगों को अंगदान के बारे में खास ज्ञान है,अथवा उन्हें विज्ञान के बारे में अधिक जानकारी है लेकिन इसके बावजूद ये लोग आये। ऐसा करके उन्होंने देश और मानव कल्याण के प्रति अपनी जिम्मेदारी का बहुत सात्विकता से एहसास कराया है। यह उनका बहुत बड़ा योगदान है। मैं समझा हूं कि जो काम वर्षो रात-दिन एक करके अरबो की संस्था नहीं कर सकती,इनकी आंखों से टपका हुआ आंसू का एक बूंद देश के हजारों लोगों के प्रेरित कर सकता है।’’
उन्होंने कहा कि आज से 25 साल पहले उन्होंने ने भी अंगदन का संकल्प लिया। उन्होंने कहा,‘‘हमारे देश में अंगदान की मुहिम को गति देने की जरुरत है। मांग और आपूर्ति में बहुत अंतर है। इसका मुख्य कारण लोगों में जागरुकता का अभाव है।’’ इस मौके पर उपस्थित गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि अंगदान जैसे महान कार्य के लिए साहस और जब्जे की जरुरत है। उन्होंने कहा,‘‘कहने और करने में जमीन आसमान का अंतर है। इस कार्य की महानता के बारे चर्चा करने के लिए कोई शब्द नहीं है। शब्दकोष छोटा पड़ गया है। आज के इस माहौल में आकर मेरा भी मन कर गया है कि मैं अंगदान का संकल्प लूं। ’’ छह बार की विश्व बॉंक्सिंग चैंपियन मेरीकॉम ने भी अंगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह भी अंगदान का संकल्प लेंगी और इसकी तिथि अभी घोषित नहीं करेंगी।
उन्होंने इस मौके पर लता मंगेशकर का गाना ‘अजीब दास्तां है’ सुनाया। मोहित चौहान ने भी दो गाने सुनाये। एम्स ने निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा,‘‘एम्स हमारे देश का एममात्र अस्पताल है जहां पहली बार ह्दय का प्रत्यारोपण किया गया था और इसे डॉ वेणुगोपाल ने किया था। हमारे यहां किडनी,ह्दय,कोरिया ,यकृत आदि का प्रत्यारोपण होता है। देश में अंगदान को लेकर जागरुकता की बेहद कमी है। इस दिशा में हमने बहुत कुछ करने की योजनाएं बनायीं हैं।’’ डॉ हर्षवर्धन ने अंगदान करने वाले लोगों की स्मृति में उनके परिजनों के स्मृति चिह्न और शॉल देकर सम्मानित किया। इस मौके पर अंगदान करने वालों के 51 परिजन उपस्थित थे।