नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखकर देश में मॉब लिंचिंग के बढ़ते मामलों का मुद्दा उठाने वाले 49 प्रतिष्ठित लोगों के लिए राहत की खबर सामने निकल कर आई है। जानकारी के अनुसार अब इन 49 प्रतिष्ठित लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा नहीं चलेगा। अब इस मामले में पुलिस ने सभी 49 हस्तियों के खिलाफ राजद्रोह का मामला बंद करने का देश दिया है। पुलिस ने इस मामले को बंद करते हुए कहा कि इस मामले की जांच में पता चला है कि इस केस को बिना के किसी ठोस आधार के दर्ज किया है।
इसी के साथ बताया जा रहा है कि इस मामले में शिकायतकर्ता अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा के खिलाफ भी केस दर्ज किया जाएगा। दरअसल वो एडीजी हेडक्वार्टर जीतेंद्र कुमार का कहना है कि शिकायतकर्ता, 49 हस्तियों के खिलाफ सबूत उपलब्ध करा पाने में नाकाम रहा है। यहां तक कि वो वह पत्र भी नहीं दिखा सका जिसके आधार पर उसने केस किया था। ऐसे में अब उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 182 और 211 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा। वहीं इस मामले में डिप्टी सीएम सुशील मोदी का बयान भी सामने आया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुशील मोदी ने कहा, 49 हस्तियों पर दर्ज किए गए देशद्रोह के मुकदमे से बीजेपी का कोई लेना-देना नहीं है। बीजेपी ने कभी मॉब लिंचिंग का समर्थन नहीं किया। बता दें कि भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत तीन अक्टूबर को एफआईआर दर्ज की गई थी। फिल्म निर्माता मणिरत्नम, अनुराग कश्यप, श्याम बेनेगल, अभिनेता सौमित्र चटर्जी, गायक शुभा मुद्गल, अपर्णा सेन, अडूर गोपालकृष्णन और इतिहासकार रामचंद्र गुहा सहित 49 हस्तियों पर देशद्रोह के आरोप लगे थे।
यह मुकदमा स्थानीय वकील सुधीर कुमार ओझा की ओर से दो महीने पहले दायर की गई एक याचिका पर मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट (सीजेएम) सूर्यकांत तिवारी के आदेश के बाद दर्ज हुआ था। ओझा ने बताया था कि सीजेएम ने 20 अगस्त को उनकी याचिका स्वीकार कर ली थी। इसके बाद मुजफ्फरपुर के सदर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज हुई।