नई दिल्ली। दिल्ली में कड़कड़डूमा स्थित बिजली की विशेष अदालत ने विद्युत चोरी करने वाले 21 लोगों की संपत्ति जब्त या सील करने का आदेश दिया है। यमुनापार में बिजली की आपूर्ति कर रही बीएसईएस की तरफ से गुरुवार को दी गई जानकारी के अनुसार अदालत ने संबंधित थानों के थाना प्रभारियों को निर्देश दिया है, इन परिसरों को सील करने के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस बल मुहैया कराए जाये। अदालत के आदेश पर अमल करते हुए छह बिजली चोरों की संपत्तियों को सील कर दिया गया है। यह संपत्तियां सीलमपुर, उस्मानपुर, न्यू उस्मानपुर, गोकलपुर, भजनपुरा और वेलकम इलाकों में हैं।
उस्मानपुर में सलीम नामक व्यक्ति को 68 किलोवाट और गोकुलपुर निवासी मुकेश को 54 किलोवाट बिजली की चोरी करते पकड़ा गया था। वेलकम के अकरम पर 47 किलोवाट, सीलमपुर के नईम और भजनपुरा के महिपाल पर 28..28 किलोवाट और न्यू उस्मानपुर के मेहकार को 15 किलोवाट बिजली चोरी करते पाया गया था। बिजली प्रावधानों के अनुसार चोरी करते पाये जाने पर संपत्ति मालिकों पर जुर्माना लगाया गया लेकिन उन्होंने भुगतान नहीं किया। विशेष अदालत ने अब इन संपत्तियों को सील करने का आदेश दिया।
पिछले कुछ वर्षों के दौरान बिजली चोरी के मामलों में तेजी से कमी आई है। वर्ष 2002 में दिल्ली में बिजली की चोरी करीब 60 प्रतिशत थी जो अब घटकर मात्र आठ प्रतिशत रह गई है। बीएसईएस का कहना है अभी भी कई ऐसे इलाके हैं जहां काफी बिजली की चोरी हो रही है। बीएसईएस ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे किसी भी तरीके से बिजली की चोरी नहीं करें। कंपनी प्रवक्ता ने कहा बिजली चोरी इलेक्ट्रिसिटी कानून 2003 की धाराओं के तहत दंडनीय अपराध है। बिजली चोरी मामले में बड़ी राशि के जुर्माने और पांच साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है।