नईदिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने दिल्ली के इग्नू में संस्कृत उत्थान न्यास के कार्यक्रम के दौरान आरक्षण को लेकर दिया बयान में कहा, कि जो लोग इसके पक्ष में हैं उन्हें आरक्षण को लेकर उनके हितों को सोचकर बोलना चाहिए जो इसके खिलाफ हैं। और इसी तरह जो लोग इसके विरोध में हैं उन्हें उनके हितों को ध्यान में रखकर बोलना चाहिए जो इसका समर्थन करते हैं।
उन्होंने कहा कि वो पहले भी आरक्षण पर चर्चा कर चुके हैं लेकिन हर बार इतना हंगामा हो जाता है कि पूरा मुद्दा भटक जाता है। इसके साथ ही भागवत ने कहा, बीजेपी, आरएसएस की हर बात से सहमत हो, ये जरूरी नहीं है। उन्होंने कहा, बीजेपी सरकार में संघ कार्यकर्ता होने के नाते वो संघ को सुनेंगे लेकिन वो संघ की हर बात से सहमत हों ऐसा जरूरी नहीं। पार्टी के सत्ता में आने के बाद राष्ट्रीय हित प्राथमिकता बन जाते हैं।