नई दिल्ली। केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री महेन्द्र पांडे ने रविवार को विश्व कौशल अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने वाले कुशल कर्मियों को प्रेरित करते हुए कहा कि इसमें देश की भागीदारी को ओलंपिक प्रतिस्पर्धा की तरह देखा जाना चाहिए। डॉ पांडे ने रूस के कजान में 22 से 27 अगस्त तक होने वाली विश्व कौशल अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने वाले हुनरमंदों के यहां आयोजित रवानगी समारोह में कुशल कर्मियों से कहा कि वे इसमें ओलंपिक प्रतिस्पर्धा जैसी भावना के साथ प्रतिभागिता करें और इस विश्व स्तरीय मंच पर देश को गौरवान्वित करने का प्रयास करें।
उन्होंने इन कुशल कर्मियों से कहा कि वे भारत के ब्रांड एम्बेसडर हैं और उनकी विजय देश के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत होगी। उन्होंने कहा कि कजान प्रतियोगिता में जाने वाले 48 सदस्यीय कुशल कर्मियों के दल में छह लड़कियां भी शामिल हैं जो इस तरह के आयोजनों में और महिलाओं को हिस्सा लेने के लिए प्रेरित करेंगी। यदि इस दल में और लड़कियां होती तो ज्यादा खुशी होती। उन्होंने कहा कि आशा है कि अगली प्रतियोगिताओं में शामिल होने वाली कुशल लड़कियों की संख्या बढ़ेगी। डॉ पांडे ने कहा कि 2017 में अबू धाबी में हुई विश्व कौशल अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में देश से 28 प्रतिभागी गये थे लेकिन खुशी की बात है कि इस बार कजान में होने जा रही ऐसी प्रतिस्पर्धा में 48 कुशलकर्मी शामिल हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि यह प्रतियोगिता ओलंपिक और एशियाई खेलों की तरह लोकप्रिय हो जायेगी। अबू धाबी प्रतियोगिता में भारत ने एक रजत, एक कांस्य और नौ उत्कृष्टता पदक जीत कर देश का नाम रोशन किया था। उम्मीद है कजान में पिछली बार से अच्छा प्रदर्शन देश के कुशलकर्मी करेंगे। गौरतलब है कि कजान में 22 से 27 अगस्त तक होने वाली प्रतियोगिता में 60 देशों के 1500 कुशलकर्मी शामिल हो रहे हैं जो 56 तरह के कौशल में अपना प्रदर्शन करेंगे। भारतीय दल में शामिल हुनरमंद मोबाइल रोबोटिक्स, प्रोटोटाइप मॉडलिंग, हेयरड्रेसिंग, बेकिंग, कन्फेक्शनरी और पैटीसरी, वेल्डिंग, ब्रिक लेइंग, कार पेंटिंग, फ्लोरिस्ट्री सहित 44 प्रकार के कौशल में शामिल होंगे। रवानगी समारोह का आयोजन राष्ट्रीय कौशल विकास निगम ने किया था।