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चौहान के इस्तीफे की मांग तेज, भाजपा उनके समर्थन में खड़ी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 6 2015 9:56PM | Updated Date: Jul 6 2015 9:57PM
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नई दिल्ली-कोलकाता-भोपाल। व्यापमं घोटाले में रोजाना मौत के बढ़ते मामलों के बीच मध्य प्रदेश में विपक्ष ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बर्खास्त करने की मांग तेज कर दी, लेकिन भाजपा ने अपने नेता का बचाव किया और सीबीआई जांच का आदेश दिये जाने की बात को खारिज कर दिया। कांग्रेस, वाम दलों और आम आदमी पार्टी ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी घेरते हुए उन पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘शिवराज सिंह चौहान को बर्खास्त किया जाना चाहिए और व्यापमं घोटाले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।’’ पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने इस बात पर जोर दिया कि मध्य प्रदेश सरकार को अगली ‘अप्राकृतिक मौत’ से पहले सीबीआई जांच का आदेश देना चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता पीसी चाको ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री को नहीं बख्शा जा सकता। उन्हें जिम्मेदारी लेनी चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘देश में जो हो रहा है उस पर प्रधानमंत्री को स्पष्टीकरण देना चाहिए और इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए।’’ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस आगामी मॉनसून सत्र के दौरान संसद में व्यापमं भर्ती घोटाले का मुद्दा उठाएगी। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने कोलकाता में कहा, ‘‘यह महज कानून एवं व्यवस्था का मुद्दा नहीं है। यह उससे कहीं बड़ा है।

इतनी अधिक हत्याएं हुई हैं। कई लोग शामिल हैं। ये नृशंस हत्याएं हैं।’’ व्यापम घोटाले की सीबीआई जांच की मुखर हो रही मांग के बीच भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि वह ऐसी किसी जांच के विरूद्ध नहीं है लेकिन फैसला मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ओर से आना चाहिए, जो मामले की निगरानी कर रहा है। वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘‘हम हाई कोर्ट से सीबीआई जांच या किसी अन्य जांच के लिए क्यों कहें?

अदालत द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) मामले की जांच कर रहा है और वह सीधे हाई कोर्ट को रिपोर्ट कर रहा है। अदालत मामले पर संज्ञान ले रही है और वह जो चाहे फैसला कर सकती है। किसी भी जांच से हमें ऐतराज नहीं है।’’ भाजपा नेताओं का दावा है कि जुलाई 2013 में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से 55 से अधिक मामले दायर हो चुके हैं और व्यापमं घोटाले के विभिन्न मामलों में 2500 आरोपियों में से 2000 के लगभग लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

उनका कहना है कि मृतकों में से किसी के भी परिजन ने किसी गड़बड़ी का आरोप नहीं लगाया है। केवल एक मामला अपवाद है, जिसमें ग्वालियर जेल में बंद आरोपी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी थी। उन्होंने कहा कि पत्रकार की मौत पर भी राज्य सरकार ने उसके परिवार की सभी मांगें स्वीकार कर लीं, जिनमें डाक्टरों के एक पैनल द्वारा पोस्टमार्टम कराना तथा इसकी वीडियो रिकार्डिंग कराने की मांग भी शामिल है।

कांग्रेस का दावा है कि प्रवेश परीक्षा और भर्ती के इस बडे घोटाले से जुड़े 45 लोगों की अप्राकृतिक मौत हो चुकी है और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसकी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। माकपा ने भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार पर आरोप लगाया कि वह अपराध और भ्रष्टाचार को प्रोत्साहन दे रही है। माकपा ने दोहराया कि व्यापम घोटाले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की टीम से करायी जानी चाहिए।

पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने एक शब्द भी नहीं कहा। एक भी ट्वीट नहीं किया और ना ही कोई संवाद किया इसलिए किसी को नहीं पता है कि प्रधानमंत्री क्या सोच रहे हैं। येचुरी ने कहा कि मोदी की चुप्पी सबसे खराब बात है क्योंकि खुद मोदी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर चुप्पी साधने का आरोप मढ़ते आये हैं।

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