नई दिल्ली। राज्यसभा में नामांकित सदस्य और प्रख्यात नृत्यांगना सोनल मानसिंह ने आज कहा कि भारतीय लोक संगीत और नृत्य की जड़े आदिवासी संस्कृति और समाज में हैं और इनका संरक्षण किया जाना चाहिए। श्रीमती मानसिंह ने सदन में केंद्रीय बजट 2019-20 की चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि बजट में संस्कृति मंत्रालय का आवंटन सात प्रतिशत बढाया गया है जिसकी सराहना की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति, कला और नृत्य की जड़े आदिवासी संस्कृति में मिलती हैं और इनके संरक्षण के गंभीर प्रयास किये जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि आदिवासी संस्कृति के संरक्षण के लिए संग्रहालय बनायें जाने चाहिए जिससे आम जनता इससे परिचित हो सके। उन्होंने कहा कि सरकार को कलाकारों, लोक कलाकारों और संस्कृतिकर्मियों के लिए भी पेंशन योजना शुरु करनी चाहिए। इन लोगों के पास कोई स्थायी कामकाज नहीं होता है और इनका जीवन संघर्षों और विषमताओं से भरा होता है।