24 Apr 2024, 16:09:20 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

नई दिल्ली। देश में कमर्शियल पायलटों की कमी को देखते हुये सरकार ने पायलट लाइसेंस हासिल करने के नियम आसान कर दिये हैं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने पायलट लाइसेंस के लिए उड़ान-अनुभव की शर्तों में ढील देते हुये अब उन पायलटों को भी लाइसेंस देने का फैसला किया है जिनका पिछले पाँच साल में उड़ान भरने का कोई अनुभव न रहा हो।
 
पहले आवेदन करने की तिथि से पिछले पाँच साल में कम से कम 200 घंटे की उड़ान का अनुभव अनिवार्य था। मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर ‘एयरक्राफ्ट रूल्स, 1937’ में संशोधन कर दिया है। अब प्रशिक्षण और उड़ान अनुभव हासिल करने के कितने भी समय बाद पायलट लाइसेंस के लिए आवेदन किया जा सकेगा। साथ ही करियर के बीच में अंतराल आने से भी दुबारा लाइसेंस हासिल करने में पायलट को कोई दिक्कत नहीं होगी।
 
उल्लेखनीय है कि देश में हवाई यात्रियों की संख्या पिछले चार साल में 20 प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ी है। इसे देखते हुये विमान सेवा कंपनियों ने बड़ी संख्या में विमानों के ऑर्डर दिये हुये हैं। इनके लिए प्रशिक्षत मानव संसाधन की कमी एक बड़ी चुनौती है। सरकार ने इसी के मद्देनजर पायलट लाइसेंस हासिल करने के नियम आसान किये हैं। 
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