नई दिल्ली। देश में वर्ष 2008 से 2017 के दौरान 52 प्रतिशत कुंओं के भूमिगत जल स्तर में गिरावट आयी है। जल शक्ति राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया ने सोमवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि जल की मांग में वृद्धि , वर्षा में अनियमितता , औछ्योगिककरण और शहरीकरण लगातार पानी के उपयोग से देश के विभिन्न भागों में भूमिगत जल स्तर में गिरावट आ रही है। केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड वर्ष में चार बार भूमि जल की निगरानी करता है।
जल राज्य का विषय है जिसके कारण भूमिगत जल के संरक्षण और प्रबंधन की मुख्य जिम्मेदारी राज्यों की है। केन्द्र सरकार भी समय पर इस दिशा में कदत उठाती है। बिहार , उत्तर प्रदेश , पंजाब , उत्तराखंड , तमिलनाडु , आन्ध्र प्रदेश , छत्तीसगढ , दिल्ली , गुजरात , हरियाणा , हिमाचल प्रदेश , जम्मू कश्मीर , मध्य प्रदेश , महाराष्ट्र , मेघालय आदि राज्यों में भूगर्भ जल में तेजी से गिरावट हो रही है ।