नई दिल्ली। जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने बुधवार को केन्द्र और राज्य के अधिकारियों को आपसी समन्वय से काम करने का अनुरोध करते हुए कहा कि इस समुदाय के लोगों का डाटाबेस तैयार करे जिससे उनकी सामाजिक आर्थिक स्थिति का पता चल सके। मुंडा ने यहां अपने मंत्रालय के ई गार्वनेंस पोर्टल को जारी करने के बाद एक समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि डाटाबेस के आधार पर लोगों की स्थिति का आकलन किया जा सकेगा।
इससे पता चल सकेगा कि जनजातीय समुदाय के कितने लोग शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं और इसके बाद वे रोजगार के किस क्षेत्र से जुड़े हैं। इसके साथ ही यह भी पता चल सकेगा कि विभिन्न क्षेत्रों में उनका सालाना विकास दर क्या है। यदि वे किसी मामले में पिछड़ते हैं तो उसे दुरुस्त किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को आदिवासियों के मामलें में केवल औपचारिकता नहीं निभानी चाहिए बल्कि कार्य को अंजाम तक पहुंचाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन का लक्ष्य निर्धारित किया जाना चाहिए और उसे समय से पहले प्राप्त किया जाना चाहिए। यह एक ऐसा मंत्रालय है जिसके तह में जाने की जरुरत है क्योंकि इसका जो परिणाम निकलेगा उससे उन्हें संतुष्टि प्राप्त होगी और उसका लाभ समाज के सबसे पिछडे को मिलेगा।