नई दिल्ली। प्रो. आश नारायण राय ने कहा कि शिक्षा का अर्थ समाज में समता का प्रकाश फैलाना है। मूल ज्ञान वह है जो व्यक्ति के अंदर के अंधकार को मिटाता है और दूसरों के लिए अवसर का मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने कहा कि आज वैश्वीकरण के दौर में आधुनिक शिक्षा के मापदंड को पूरा करना आवश्यक है। यदि छात्र आधुनिक तकनीक का लाभ उठाएंगे तो उनके ज्ञान में न केवल संवर्धन होगा बल्कि वे जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी सफल होंगे।
शिक्षा सबसे सशक्त माध्यम है, जिसके द्वारा दुनिया को बदला जा सकता है। विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. जय गोपाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति में शिक्षा का विशेष महत्व रहा है। गुरू की गरिमा को वैदिक ऋचाओं तथा उपनिषदों के सूक्तों में विद्या के अमृत तत्व को स्पष्ट किया गया है। विद्या के समान कोई दूसरा नेत्र नहीं होता क्योंकि विद्या अज्ञानता के अंधकार को दूर करता है। दीक्षांत समारोह विद्या का महापर्व होता है। इस दिन शिष्य को गुरू का आशीर्वाद प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि आधुनिक शिक्षा के बल पर ही हम समाज और राष्ट्र को विकसित किया जा सकता है।
महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. मुश्ताक अहमद ने अपने वार्षिक प्रतिवेदन में कहा कि 26 मई, 2019 सी. एम. कॉलेज के लिए ऐतिहासिक दिन बनने जा रहा है। महाविद्यालय के इतिहास में एक जीवंत, जागृत तथा सारस्वत अध्याय जुड़ गया है। दीक्षांत समारोह की यह शुरुआत है। लोगों में एक नई चेतना पैदा हुई है। यह दीक्षांत समारोह का पुनर्नवा का उत्सव है।
महाविद्यालय में एक नया संस्कार तथा नई उर्जा उत्पन्न हुई है। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह का तात्पर्य दीक्षा के अंत से नहीं है बल्कि एक मंजिल तक पहुंच कर दूसरी नई मंजिल की ओर अग्रसर होना है। समारोह में कुल 246 छात्र-छात्राओं को डिग्री प्रदान की गई। उनमें 19 को गोल्ड मेडल दिए गए। वहीं, विशिष्ट अतिथि के रूप में कर्नल निशिथ कुमार राय, कुलसचिव तथा परीक्षा नियंत्रक डॉ. अशोक कुमार मेहता भी शामिल हुए।