नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल की बैरकपुर लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार अर्जुन सिंह को बुधवार को मतगणना में शामिल होने के लिए 28 मई तक गिरफ्तारी से फौरी राहत प्रदान की। सिंह की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार ने न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति एम. आर. शाह की अवकाशकालीन खंडपीठ के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने दलील दी कि राज्य के वकील गत 25 अप्रैल से ही हड़ताल पर हैं।
न्यायालय ने याचिका पर आज ही सुनवाई को लेकर सहमति जतायी। भोजनावकाश से ठीक पहले हुई दोबारा सुनवाई में न्यायालय ने आज से लेकर 28 मई तक सिंह को गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया। न्यायालय ने कहा,‘‘ उसके बाद याचिकाकर्ता को मिला संरक्षण समाप्त हो जायेगा और सरकार कानून के दायरे में कार्रवाई कर सकती है।’’ न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि जो लोग हिंसा में शामिल होते हैं वे किसी खास दल के नहीं होते, बल्कि वे हिंसा करने के लिए राजनीतिक दल में शामिल होते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हिंसा पश्चिम बंगाल में आम बात हो गई है। कभी-कभी तो लोग बिना किसी वजह के लड़ते हैं।’’ गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए अर्जुन सिंह ने कहा था, ‘‘मुझ पर राज्य सरकार ने 21 मामले दर्ज किए हैं। बाकी मामलों में राहत मिल चुकी है, लेकिन 20 मई के मुकदमे में मुझे सरंक्षण चाहिए।’’ उन्होंने गिरफ्तारी से संरक्षण की मांग की थी।
याचिकाकर्ता विधायक का कहना था कि उनके खिलाफ 20 मई को ही एक प्राथमिकी दर्ज कर दी गयी है। गुरुवार को मतगणना होनी है, अगर वह राज्य में जाते हैं तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है, लेकिन वह मतगणना में जाना चाहते हैं। पश्चिम बंगाल में पांचवें चरण के मतदान के दौरान बैरकपुर में बीजेपी और तृणमूल कार्यकर्ताओं के बीच झड़प होने का मामला सामने आया था।