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सेना सुरंगों में रखेगी गोला-बारूद ,एनएचपीसी के साथ किया करार

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 25 2019 7:45PM | Updated Date: Apr 25 2019 7:45PM
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नई दिल्ली। सेना ने पाकिस्तान और चीन से लगते पहाड़ी क्षेत्रों में गोला-बारूद को सुरंगनुमा गोदामों में रखने के लिए नेशनल हाइड्रोइलैक्ट्रिक पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड के साथ करार किया है। करार के तहत एनएचपीसी सेना के लिए चीन से लगती सीमा के पहाड़ी क्षेत्रों में तीन और जम्मू कश्मीर में एक सुरंग बनायेगी। अभी ये सुरंगे पायलट परियोजना के तहत बनायी जायेंगी और इन पर 15 करोड़ रूपये की लागत आने की संभावना है। प्रत्येक सुरंग में 175 से 200 टन तक गोला-बारूद के भंडारण की क्षमता होगी।

इन सुरंगों को बनाने में करीब दो वर्ष का समय लगेगा। चीन और अमेरिका जैसे देशों में इस तरह की सुरंगे पहले से ही हैं जिनमें भारी मात्रा में गोला-बारूद को आसानी से सुरक्षित रखा जा सकता है। अभी सेना अपना गोला-बारूद और हथियार जमीन पर बने हथियार डिपो में ही रखती है। पायलट परियोजना के सफल होने के बाद इस तरह की सुरंगें देश के अन्य हिस्सों में भी बनायी जायेंगी। सेना गोला-बारूद को सुरक्षित तथा गोपनीय ठिकानों पर रखने के लिए सुरंगनुमा भंडार गृह बनाने पर लंबे समय से विचार कर रही थी और उसने कुछ समय पहले सिक्किम और तवांग जैसे दुर्गम क्षेत्रों में इस तरह की सुरंग बनाने की कोशिश भी की थी लेकिन उसे इसमें सफलता नहीं मिली।

इसके बाद सेना ने एनएचपीसी की पहाड़ी क्षेत्रों में सुरंग बनाने की विशेषज्ञता का लाभ उठाने की योजना बनायी। इसी योजना के तहत सेना ने पिछले वर्ष उसके साथ बातचीत शुरू की और कंपनी द्वारा इस प्रस्ताव को स्वीकार किये जाने के बाद करार को अंतिम रूप दिया गया। सेना के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल एन के खंडूरी और एनएचपीसी के मुख्य प्रबंध निदेशक बलराज जोशी ने करार पर हस्ताक्षर किये। इन सुरंगों में गोलियों से लेकर रॉकेट , टैंक रोधी और अन्य मिसाइलों को रखे जाने की योजना है।

गोपनीय और पहाड़ी क्षेत्रों में गोला-बारूद को सुरंगों में रखने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि एक तो इनमें गोला-बारूद सुरक्षित रहेगा और दूसरे जरूरत पड़ने पर इन्हें सीमावर्ती चौकियों पर आसानी से पहुंचाया जा सकेगा। इनमें आग लगने और दूसरी अन्य दुर्घटनाओं का खतरा भी कम रहेगा तथा इसे दुश्मन के हमलों से भी आसानी से सुरक्षित रखा जा सकेगा।

उल्लेखनीय है कि पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद जब भारतीय वायु सेना ने गत 26 फरवरी को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के निकट बालाकोट में आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के ठिकाने पर कार्रवाई की थी उसके बाद पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों ने जवाबी कार्रवाई के दौरान जम्मू कश्मीर में सेना के कुछ ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की थी जिनमें गोला बारूद का डिपो भी शामिल था। हालाकि भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान की इस कोशिश को नाकाम कर दिया था।

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