नई दिल्ली। नई दिल्ली बाबरपुर विधानसभा इलाके में स्थानीय लोगों को बाबरपुल नाला नंबर-52 से नजदीकी बहुत भारी पड़ रही है। नाला कचरे से पूरी तरह पटा है। आसपास रहने वाले लोगों के लिए बदबू बीमारियों का सबब बन रही है। क्षेत्र के हजारों रहवासी गंदगी एवं बदबू से परेशान है। नगर निगम में शिकायत करने पर भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। स्थानीय लोगों के मुताबिक उनके घरों और इस नाले के बीच महज 15 से 20 फुट की दूरी है। नाले की सफाई पर जरा भी ध्यान नहीं दिया जाता।
नगर निगम की अनदेखी की वजह से नाले में कचरे की एक मोटी परत बन गई है। नाले की सफाई न होने से परेशान राकेश शर्मा कहते हैं, मैं बलबीर नगर एक्सटेंशन में रहता हूं, मेरे घर से महज 20 फुट की दूरी पर यह नाला है। महीनों से नाले की सफाई नहीं हुई है। इस वजह से नाले के ऊपर कचरे की एक मोटी परत जम गई है। मच्छर पैदा हो रहे हैं। छह बार एमसीडी से शिकायत कर चुका हूं, लेकिन कोई सुनता ही नहीं है। कंवर पाल सिंह बताते हैं, ‘मेरा घर इस नाले के बिल्कुल बगल में है। मुझे तो यह भी याद नहीं कि आखिरी बार कब इसकी सफाई भी हुई। इसमें कचरा और काई जमे है। ऊपर से मच्छर इतने ज्यादा पैदा हो गए हैं कि सर्दियों में भी तेज पंखा चलाकर सो रहे हैं।
तीन वॉर्डों से होकर गुजरता है यह नाला - रोहताश नगर, बाबरपुर कॉलोनी और जनता कॉलोनी। इलाके में रहने वाले प्रमोद का आरोप है कि उन्होंने जब कभी अपने इलाके की पार्षद के सामने नाले की सफाई का मुद्दा उठाया तो उन्होंने इसे राजनीतिक रंग देते हुए हमेशा टाल दिया। ईस्ट गोरख पार्क से बीजेपी पार्षद कुसुम तोमर ने हालांकि स्थानीय लोगों के आरोपों का खंडन किया। उन्होंने दावा किया कि नाले की सफाई शुरू हो चुकी है। लोग गलत बोल रहे हैं। नाले की सफाई का टेंडर जारी हो चुका है। काम जारी है लेकिन इसे पूरा होने में कुछ दिन लगेंगे। बीजेपी पार्षद ने नाले में जमा गंदगी के लिए स्थानीय लोगों को ही जिम्मेदार ठहराया। यह भी कहा कि पहले गाद गाजीपुर लैंडफिल साइट जाया करती थी, लेकिन अब बवाना भेजनी पड़ती है, यह प्रक्रिया कठिन भी है और महंगी भी।