साउथम्पटन। जसप्रीत बुमराह की अगुआई में अपने तेज गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन की मदद से भारत ने चौथे क्रिकेट टेस्ट के पहले दिन गुरुवार को इंग्लैंड को पहली पारी में 246 रन पर आउट करके बिना किसी नुकसान के 19 रन बना लिए। इंग्लैंड के बल्लेबाज भारतीय गेंदबाजी आक्रमण का सामना नहीं कर पाए। हरफनमौला मोइन अली और सैम कुरेन के बीच सातवें विकेट के लिए 81 रन की साझेदारी नहीं हुई होती तो मेजबान टीम का स्कोर इससे भी खराब रहता। भारत के लिए बुमराह ने 20 ओवर में 46 रन देकर तीन विकेट लिए जबकि मोहम्मद शमी, ईशांत शर्मा और स्पिनर आर अश्विन को दो-दो विकेट मिले। हार्दिक पंड्या ने एक विकेट लिया।
इंग्लैंड का स्कोर एक समय छह विकेट पर 86 रन था। भारतीय गेंदबाजों ने लंच तक ही इंग्लैंड के चार विकेट 57 रन पर निकाल दिए थे। भारत ने पहले दिन का खेल समाप्त होने तक चार ओवर में बिना किसी नुकसान के 19 रन बना लिए थे। शिखर धवन तीन और केएल राहुल 11 रन बनाकर खेल रहे हैं।
इंग्लैंड ने जीता टॉस
सुबह इंग्लैंड ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया लेकिन उसके बल्लेबाज अच्छी शुरूआत नहीं दिला सके। कीटोन जेनिंग्स (00) तीसरे ही ओवर में पगबाधा आउट हो गए। पांचवें ओवर में बुमराह ने जो रूट (4) के खिलाफ पगबाधा की विश्वसनीय अपील की। मैदानी अंपायर ने बल्लेबाज के पक्ष में फैसला दिया और डीआरएस से पता चला कि बुमराह का पैर क्रीज से बाहर था। दूसरे विकेट के लिये 14 रन जुड़ने के बाद रूट ईशांत का शिकार हुए। कप्तान एलेस्टेयर कुक (17) भी ज्यादा देर टिक नहीं सके। पंड्या ने उन्हें तीसरी स्लिप में कप्तान विराट कोहली के हाथों लपकवाया। वहीं बुमराह ने जानी बेयरस्टा को 13वें ओवर में विकेट के पीछे लपकवाकर इंग्लैंड को एक और झटका दिया।
दूसरे सत्र में 82 रन बने और दो विकेट गिरे। लंच के बाद जोस बटलर (24) को शमी ने स्लिप में कप्तान विराट कोहली के हाथों लपकवाया। बेन स्टोक्स 79 गेंद में 23 रन बनाकर आउट हुए । शमी ने उन्हें शानदार इनस्विंगर पर पगबाधा किया। इसके बाद अली और कुरेन ने चाय तक मोर्चा संभाले रखा। जसप्रीत बुमराह ने कुछ बेहतरीन गेंदें डाली और 35 रन देकर दो विकेट लिए लेकिन इस साझेदारी को नहीं तोड़ सके। दोनों इंग्लैंड को 39वें ओवर में 100 रन के पार ले गए। अश्विन ने अली को 60वे ओवर में बुमराह के हाथों लपकवाकर इस साझेदारी को तोड़ा। अली ने 40 रन बनाए।
जबरदस्त फॉर्म में हैं विराट कोहली
इस मैदान पर अभी तक तीन ही टेस्ट हुए हैं। इंग्लैंड ने श्रीलंका (2011) और भारत (2014) के खिलाफ यहां खेला है और भारत को 266 रन से हराया था। भारतीय टीम यहां अपने पिछले प्रदर्शन से प्रेरणा ले सकती है। भारतीय तेज गेंदबाजों ने इंग्लैंड के शीर्षक्रम की कमजोरी उजागर कर दी है। इसके अलाव कोहली का शानदार फार्म भारत के लिये सोने पे सुहागा साबित हुआ है। अब तक इस श्रृंखला में 46 में से 38 विकेट तेज गेंदबाजों ने लिये हैं। चौथे टेस्ट में हरी भरी पिच मिल सकती है जो तेज गेंदबाजों की ऐशगाह साबित हो सकती है। बल्लेबाजों का प्रदर्शन भी अच्छा रहा है जिससे अंतिम एकादश में किसी बदलाव की गुंजाइश नहीं लगती। इससे संभवत: पिछले 45 मैचों से हर मैच में बदलाव के सिलसिले पर भी रोक लग सकती है। इसकी शुरुआत 2014 में साउथम्पटन से ही हुई थी।