नई दिल्ली। स्कूल गेम्स फेडरेशन आॅफ इंडिया (एसजीएफआई) द्वारा पहली बार आयोजित किया जा रहा नेशनल स्कूल क्रिकेट लीग एनएससीएल) आने वाले समय में भारतीय क्रिकेट को सचिन तेंडुलकर, युवराज सिंह, सुरेश रैना, दिलीप वेंगसरकर और विनोद काम्बली जैसे कई स्टार दे सकता है। स्कूली प्रतिभाओं के लिए खासतौर पर तैयार किए गए इस विश्वस्तरीय प्लेटफार्म की संरचना कुछ इस तरह से की गई है कि इसके माध्यम से आने वाले समय में कई स्टार भारतीय क्रिकेट की पटल पर निकलेंगे और दुनिया भर में छा जाएंगे।
एसजीएफआई ने इसे सफल बनाने के लिए व्यापक तैयारी कर ली है और इस अहम मुहिम की शुरूआत जुलाई में चंडीगढ़ और जयपुर में होने वाले ट्रॉयल्स के साथ हो रही है। एनएससीएल का आयोजन इस साल होना है और इसमें देश भर की 16 शहरी टीमों के बीच वर्चस्व की लड़ाई होगी। इनमें से 24 प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का चयन किया जाएगा, जो एसजीएफआई द्वारा आयोजित कैंप में हिस्सा लेंगे। इस कैम्प से 16 खिलाड़ियों का चयन होगा, संयुक्त अरब अमीरात में होने वाले एशियाई स्कूल क्रिकेट चैंपियनशिप में एसजीएफआई के बैनर तले भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
स्कूली प्रतिभाओं को अपनी चमक बिखेरने का प्लेटफॉर्म है एनएससीएल यह कहने की बात नहीं कि स्कूलों से हमेशा ही क्रिकेट में बेहतरीन प्रतिभाएं सामने आई हैं। सचिन से लेकर काम्बली तक और युवराज, रैना, मोहम्मद कैफ से लेकर लालचंद राजपूत तक, सबने स्कूल क्रिकेट से निकलर वैश्विक प्लेटफार्म पर देश का प्रतिनिधित्व किया और नाम कमाया। अब भारत के स्कूलों की प्रतिभाओं के सामने एनएससीएल नाम का एक ऐसा प्लेटफार्म है, जो उन्हें गुमनामी की दुनिया से निकलकर अपनी चमक बिखेरने का मौका देगा। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई के पूर्व मुख्य चयनकर्ता वेंगसरकर भी इन्हीं में से एक हैं। वेंगसरकर को एनएससीएल के लिए मेंटॉर बनाया गया है।
वह एनएससीएल के माध्यम से प्रतिभा की खोज में प्रमुख भूमिका अदा करेंगे। वेंगसरकर की प्रमुख रोल यह तय करना होगा कि कोई भी अच्छी प्रतिभा छूट न जाए। वह अंतिम रूप से चुने गए खिलाड़ियों के साथ 15 दिनों का कैम्प लगाएंगे और उन्हें स्टार बनने के गुण सिखाएंगे। एनएससीएल एक ऐसा प्लेटफार्म है, जो स्कूली छात्रों को अपनी प्रतिभा दिखाने का भरपूर मौका देगा। ऐसा नहीं है कि अंतिम रूप से 24 खिलाड़ियों का चयन नॉकआउट, सेमीफाइनल या फिर फाइनल में पहुंचने वाली टीमों से ही होगा। अगर कोई खिलाड़ी ग्रुप स्तर पर चमकदार प्रदर्शन करता है और उसकी टीम हार भी जाती है तो भी चयनकर्ता उसका चयन कर सकते हैं।
वेंगसरकर उन दिनों को याद करते हुए कहते हैं जब राजपूत और अन्य दूसरे भारतीय खिलाड़ी स्कूली प्रतियोगिता के तहत लार्डस स्टेडियम में खेले। वेंगसरकर ने कहा, मुझे अब भी याद है कि राजपूत व दूसरे कई खिलाड़ी स्कूली प्रतियोगिता में ऐतिहासिक लार्डस में खेले थे। एनएससीएल आज की तारीख में स्कूली छात्रों को इसी तरह का प्लेटफार्म उपलब्ध कराने को लेकर कृतसंकल्प है। एनएससीएल भारतीय क्रिकेट को भविष्य का सचिन और युवराज दे सकता है। इसी परिकल्पना के साथ इसे गढ़ा गया है।