नई दिल्ली। विकेटकीपर दिनेश कार्तिक ने मात्र आठ गेंदों पर नाबाद 29 रन की चमत्कारी पारी खेलकर टीम प्रबंधन को अनुभवहीन विजय शंकर को कार्तिक से ऊपर भेजने के आत्मघाती फैसले से बचा लिया। कार्तिक की आतिशी पारी और आखिरी गेंद पर जमाए छक्के की बदौलत भारत ने बांग्लादेश को चार विकेट से हराकर कोलंबो में त्रिकोणीय ट्वंटी-20 निदहास ट्राॅफी जीत ली। भारतीय टीम प्रबंधन और अपना पांचवां ट्वंटी-20 मैच खेल रहे शंकर को कार्तिक का शुक्रगुजार होना चाहिए जिन्होंने टीम इंडिया को शर्मनाक हार से बचा लिया।
टीम प्रबंधन ने पांचवां मैच खेल रहे 27 वर्षीय तमिलनाडु के आॅलराउंडर शंकर को उस समय मैदान में उतार दिया जब 14वें ओवर में कप्तान रोहित शर्मा आउट होकर पवेलियन लौट गए। भारत की स्थिति नाजुक थी और ऐसे समय में टीम को क्रीज पर किसी अनुभवी खिलाड़ी की जरूरत थी। लेकिन टीम प्रबंधन ने शंकर को मैदान में उतारने का जुआ खेला जो लगभग आत्मघाती कदम के रूप में तब्दील हो गया था।
मनीष पांडे अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे लेकिन शंकर को स्ट्राइक रोटेट करने में खासी परेशानी हो रही थी। पारी के 18वें ओवर में मुस्ताफिजुर रहमान गेंदबाजी कर रहे थे और पहली गेंद से ही शंकर की मुश्किलें शुरू हो गई। भारत को अंतिम तीन ओवर में 35 रन चाहिए थे। शंकर ने लगातार चार डॉट बॉल खेलीं। भारतीय समर्थक लगातार झुंझलाते जा रहे थे।
सोशल मीडिया पर शंकर के खिलाफ आवाजें लगनी लगी थीं, पांचवीं गेंद पर जाकर लेग बाई से स्ट्राइक बदली लेकिन तब तक दूसरे छोर पर पांडे अपना धैर्य खो बैठे और आखिरी गेंद पर कैच आउट हो गए। अब 12 गेंदों पर 34 रन चाहिए थे। मैदान पर उतरे कार्तिक ने बांग्लादेश पर हल्ला बोला और 19वें ओवर में रूबेल हुसैन पर 22 रन ठोक डाले। आखिरी ओवर में शंकर की हालत वैसी ही रही। हालांकि उन्होंने चौथी गेंद पर चौका लगाया और पांचवीं गेंद पर कैच आउट हो गए। आखिरी गेंद पर स्ट्राइक कार्तिक के हाथों में थी और उन्होंने सौम्य सरकार पर छक्का जड़ दिया और मैच जीता दिया।