नई दिल्ली। सत्रह साल पहले 14 मार्च के दिन में ईडन गार्डेंस (2001) टेस्ट में वीवीएस लक्ष्मण (281) के साथ रेकॉर्ड 376 रन की साझेदार करने वाले 'द ग्रेट वॉल' ने भी 180 रन की दमदार पारी खेली थी। इसी साझेदारी की बदौलत भारत ने आॅस्ट्रेलिया के लगातार 16 टेस्ट जीत के विजय रथ को 17वें टेस्ट में रोक दिया था।
इस टेस्ट में फॉलोआॅन के दबाव से उबर कर टीम के जीत तक के सफर ने इस टेस्ट को सबसे यादगार टेस्ट में शुमार किया। राहुल द्रविड़ ने बताया कि इस टेस्ट में उन्हें दमदार प्रदर्शन करने की प्रेरणा विपक्षी कप्तान स्टीव वॉ से ही मिली थी। इस ऐतिहासिक पारी से पहले जब राहुल द्रविड़ सौरभ गांगुली के आउट होने के बाद मैदान पर आए, तब द्रविड़ ने बताया कि कैसे उस पारी से पहले उन्हें आॅस्ट्रेलिया के तत्कालीन कप्तान स्टीव वॉ ने स्लेज किया था। राहुल द्रविड़ ने स्टीव वॉ की स्लेजिंग को अपने दमदार प्रदर्शन की प्रेरणा बना लिया।
कुछ महीने पहले एक कार्यक्रम में राहुल द्रविड़ ने बताया, 'उस सीरीज में और उससे पहले मैं रनों के लिए लगातार संघर्ष कर रहा था। आॅस्ट्रेलिया के खिलाफ मैं मुंबई टेस्ट में भी फ्लॉप रहा था और मैंने कोलकाता टेस्ट की पहली पारी में भी रन नहीं बनाए थे। इस कारण टीम मैनेजमेंट ने मेरे बैटिंग क्रम में भी बदलाव कर दिया और मुझे खिसकाकर नंबर 6 पर बैटिंग के लिए कहा।
जब मैं दूसरी पारी में बैटिंग पर आया, तो विपक्षी टीम के कैप्टन स्टीव वॉ ने मुझे कहा, राहुल अब नंबर 6 पर आ गए, अगले मैच का क्या? क्या नंबर 12 पर दिखोगे?' द्रविड़ ने बताया, 'उस वक्त मेरे पास अपने अतीत या अपने भविष्य पर सोचने का मौका नहीं था। मैंने उसे पारी पर फोकस किया। स्टीव की बात ने मेरे दिल-दिमाग में आग लगा दी थी। वैसे भी किसी भी क्रिकेटर के पास एक वक्त में एक बॉल पर ही फोकस करने का समय होता है। जब मेरी यह पारी खत्म हुई, तो मैं 180 रन बना चुका था।'
द्रविड़ ने आगे कहा, इस टेस्ट में कंगारू टीम से पिछड़ रही टीम इंडिया अब कंगारू टीम को दबाव में घेर चुकी थी। अंत में हमने यह मैच जीता और इसके बाद अगला मैच जीतकर यह सीरीज भी अपने नाम कर ली।' लगातार 16 टेस्ट जीतने के बाद भारत के हाथों एक के बाद एक लगातार दो टेस्ट गंवाकर स्टीव वॉ की इस टीम ने सीरीज भी गंवा दी थी। भारत का ऐसा प्रदर्शन देखकर कंगारू टीम हक्की-बक्की रह गई थी।
लक्ष्मण ने यूं याद किया वो दिन
इस टेस्ट में 281 रन की यादगार पारी खेलने वाले वीवीएस लक्ष्मण भी इस पल को नहीं भूले हैं। उन्होंने 'द वॉल' राहुल द्रविड़ (180) के साथ मिलकर 376 रन की साझेदारी की और आॅस्ट्रेलिया के विजय अभियान को तोड़ दिया। इस मैच में इन दोनों दिग्गजों के अलावा आॅफ स्पिनर हरभजन सिंह और सचिन तेंडुलकर का भी योगदान खास था। लक्ष्मण ने इस ऐतिहासिक पल की सालगिरह पर एक बार फिर वह लम्हा याद किया है।
लक्ष्मण ने अपने ट्वीट में लिखा, 'कुछ दिन हमें जिंदगी में ऐसा मौका देते हैं, जिससे हम खुद को बेहतर जान सकें और यह महसूस कर सकें कि हमारी क्षमता क्या है। 17 साल पहले हमें भी ऐसा ही लम्हा जीने का मौका मिला था। इस दिन के बाद मेरा यह विश्वास और बढ़ा कि हमें कभी भी हार नहीं माननी चाहिए। इसे साकार बनाने में सिर्फ मैं और राहुल ही नहीं थे, बल्कि भज्जी, सचिन और पूरी टीम ने इसे सफल बनाया था।'