नई दिल्ली। टीम इंडिया पूर्व प्रमुख चयनकर्ता दिलीप वेंगसरकर ने कप्तान विराट कोहली को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि साल 2008 में तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और टीम इंडिया के पूर्व कोच गैरी कर्स्टन विराट कोहली को टीम में शामिल करने के पक्ष में नहीं थे। हालांकि 2008 अंडर-19 वर्ल्ड कप के बाद विराट ने अपनी काबीलियत के दम पर टीम में जगह बनाई।
धोनी और गैरी कर्स्टन नहीं चाहते थे...
वेंगसरकर ने बताया कि विराट कोहली पर काफी पहले से चयनकर्ताओं की नजर थी, लेकिन महेंद्र सिंह धोनी और गैरी कर्स्टन के न कहने पर उन्हें टीम में शामिल नहीं किया जा रहा था। उन्होंने कहा, 'साल 2008 में जब विराट की कप्तानी में टीम इंडिया ने अंडर-19 वर्ल्ड कप जीता, तब मैं उनका मैच मैच देखने ब्रिस्बेन गया था।' इस मैच में कप्तान विराट कोहली ने नाबाद 123 रनों की पारी खेली थी।
श्रीलंका दौरे से पहले विराट के नाम की सिफारिश
यह मैच देखने के बाद जब दिलीप वापस भारत लौटे तो उस वक्त इंडियन क्रिकेट टीम श्रीलंका दौरे के लिए रवाना होने वाली थी। दिलीप वेंगसरकर ने इस दौरे पर विराट कोहली के नाम की सिफारिश की थी। प्रमुख चयनकर्ता के इस फैसले पर अन्य चारों चयनकर्ता राजी हो गए थे, लेकिन तभी एमएस धोनी और गैरी कर्स्टन ने विराट को लेकर अपनी असहमति जाहिर कर दी।
विराट की जगह धोनी लाना चाहते थे...
वेंगसरकर ने बताया कि कप्तान धोनी विराट कोहली की जगह टीम में एस बद्रीनाथ को लाना चाहते थे क्योंकि वह आईपीएल में उनकी टीम चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए खेलता है। अगर कोहली को टीम में शामिल किया जाता तो बद्रीनाथ को बाहर रखना पड़ता। उस वक्त एन श्रीनिवासन BCCI के कोषाध्यक्ष थे। वह इस बात से नाराज हुए कि बद्रीनाथ को टीम से हटा दिया गया, क्योंकि वह आईपीएल में उनके राज्य की टीम का खिलाड़ी था।