नयी दिल्ली। भारत रत्न मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर गुरुवार को राज्यसभा में पहली बार भाषण देने वाले थे लेकिन ऐसा हो नहीं सका। क्योंकि मनमोहन मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे को लेकर राज्यसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
सचिन को सदन में 'राइट टू प्ले' पर बोलना था, लेकिन वह भाषण की शुरूआत करते इससे पहले ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। सचिन शिक्षा के साथ खेल अनिवार्य हो और ओलंपिक की तैयारियों पर बोलने वाले थे। सचिन पत्नी अंजलि के साथ सदन पहुंचे थे।
उल्लेखनीय है कि सचिन को राज्य सभा में 2012 में सांसद मनोनीत किया गया था। उसके बाद से 348 दिनों की कार्यवाही में वह 23 दिनों तक सदन में रहे हैं। बता दें कि, सचिन की राज्यसभा में मौजूदगी को लेकर लगतार सवाल उठते रहे हैं।
विपक्ष के हंगामे के बीच राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने लगातार विपक्ष से अपील की, जो व्यक्ति बोल रहा है वह भारत रत्न है, इसे पूरा देश देख रहा है। प्लीज शांत हो जाइए, लेकिन विपक्ष नहीं माना।
राज्यसभा मेंबर जया बच्चन ने कहा, दुनिया के मंच पर सचिन ने देश का नाम रोशन किया है। ये बेहद शर्म की बात है कि उन्हें सदन में बोलने के मौका नहीं दिया गया, क्या सदन में केवल पॉलिटिशियंस को बोलने की इजाजत है?