नई दिल्ली। 1 नवंबर को यहां अपने घरेलू मैदान पर टीम इंडिया के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज आशीष नेहरा खेल से रिटायर हो रहे हैं। 38 वर्षीय नेहरा का क्रिकेट जीवन 20 वर्षीय हो गया है और वे अगले 20 बरसों को देख रहे हैं। उनका मंत्र है तेज नहीं दौड़ सकते, तो तेज चलिए...अन्यथा आप टहल तो सकते ही हैं। इस बात की पूरी संभावना है कि नेहरा न्यूजीलैंड के खिलाफ यहां पहले टी -20 मैच में खेलाए जाएंगे और सचिन तेंदुलकर की तरह वे भी अपने रिटायरमेंट को यादगार बना सकेंगे।
तो जोहानेसबर्ग का वह दिन बदल दूंगा...
मेरे 20 साल काफी रोमांचक रहे हैं। मैं बहुत जज्बाती नहीं हूं। अगले 20 साल का मुझे इंतजार है। उम्मीद है कि ये भी उतने ही रोमांचक होंगे, जितने पिछले 20 साल रहे हैं, जब मैंने 1997 में दिल्ली के लिए खेलना शुरू किया था। ये सफर शानदार रहा। एक ही मलाल रहा। अगर मुझे इन 20 साल में कुछ बदलना हो, तो जोहानेसबर्ग में 2003 वर्ल्ड कप फाइनल का दिन, लेकिन ये सब किस्मत की बात है। कोटला पर मेरे पहले रणजी मैच में दिल्ली टीम में दिवंगत रमन लांबा, अजय शर्मा, अतुल वासन और रॉबिन सिंह सीनियर थे। रमन भईया और अजय भईया को देखकर मैंने गेंदबाजी सीखी थी। मैं अपने पहले रणजी मैच में तीसरे गेंदबाज के रूप में उतरा और दोनों पारियों में अजय जडेजा को शून्य पर आउट किया था। मेरी नजर में अजय जडेजा और महेंद्रसिंह धोनी क्रिकेट की समझ के मामले में जीनियस हैं। मैंने 2005 में दो सीरीज के अलावा ग्रेग चैपल के साथ ज्यादा नहीं खेला। मुझे पहली सीरीज से ही मालूम था कि ये बिरयानी खिचड़ी बनने वाली है ग्रेग के अंडर में।
गैरी कर्स्टन बेहतरीन कोच थे। वो एमएस के साथ मैदान पर रणनीति को लेकर बात करते, लेकिन कभी एमएस के काम में दखल नहीं देते थे। मेरा वैसे अभी भी मानना है कि चैपल जूनियर्स के लिए अच्छे कोच साबित होते। विराट ऐसे मुकाम पर है कि उसे ज्ञान नहीं सहयोग की जरूरत है, जो रवि उन्हें दे रहे हैं। रवि के बारे में सबसे अच्छी बात ये है कि अगर कोई खिलाड़ी खराब दौर से जूझ रहा है, तो वो उनके साथ खड़े होते हैं। वो नेट पर भी अच्छा नहीं खेल पा रहे हैं, तो उन्हें भरोसा दिलाते हैं कि वो ब्रायन लारा जैसे बल्लेबाज हैं। बाहरी व्यक्ति को ये अजीब लग सकता है, लेकिन क्रिकेट को समझने वाले जानते हैं कि यह ह्यूमन मैनेजमेंट है। कोचिंग और कमेंटरी करने का मेरा अभी मेरा कोई इरादा नहीं है।
आशीष नेहरा खास बातें
- जब टीम इंडिया 2007 में आईसीसी वर्ल्ड कप उपविजेता बनी, तो नेहरा उस टीम के लिए खेले थे, बल्कि इंग्लैंड के खिलाफ एक मैच में 6 विकेट लेकर टीम इंडिया को आगे बढ़ाया था।
- 2011 में भी वे टीम इंडिया के लिए खेले, जबकि महेंद्रसिंह धोनी की कप्तानी वाली टीम आईसीसी वर्ल्ड 2017 में टीम इंडिया ने विराट कोहली के नेतृत्व में इंग्लैंड के खिलाफ टी -20 सीरीज जीती, उसमें नेहरा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- 2003 आईसीसी वर्ल्ड कप में नेहरा ने 9 मैच में 289 रन देकर 15 विकेट लिए। इकॉनॉमी रेट 4.17 रहा।
- 2011 आईसीसी वर्ल्ड कप में नेहरा 3 मैच में 3 विकेट ले सके। इकॉनॉमी रेट 5.07 रहा।
- 2017 में भारत ने इंग्लैंड को 3 मैच की सीरीज में 2-1 से हराया। नेहरा ने पहले मैच में 3 ओवर में 31 रन दिए। दूसरे मैच में 4 ओवर में 28 रन देकर 3 विकेट लिए। अंतिम मैच में 3 ओवर में 24 रन दिए।