नई दिल्ली। टीम इंडिया में कोई मुस्लिम खिलाड़ी नहीं वाले सवाल पर हरभजन सिंह के बाद अब भारत के पूर्व कप्तान और महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने आपत्ति दर्ज की है। गावस्कर ने साफ कहा कि क्रिकेट में सभी बराबर हैं। यहां जाति-पंथ और धर्म कोई मायने नहीं रखता है।
सोमवार शाम रायल ओपेरा हाउस में पत्रकार राजदीप सरदेसाई की किताब डेमोक्रेसी इलेवन- दे ग्रेट इंडियन स्टोरी के विमोचन के दौरान हर्षा भोगले के साथ चर्चा करते हुए सनी ने कहा, क्रिकेट में सभी बराबर हैं। यहां जाति-पंथ और धर्म मायने नहीं रखता। गावस्कर ने इस दौरान मंसूर अली खान पटौदी से जुडे किस्सों को याद किया और पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव और अजित वाडेकर की उनकी नेतृत्व क्षमता के लिए तारीफ की। इस मौके पर पूर्व भारतीय कप्तान वाडेकर, मोहम्मद अजहरुद्दीन, माधव आप्टे, नारी कांट्रैक्टर, विनोद कांबली और प्रवीण आमरे भी मौजूद थे।
क्या है मामला
गौरतलब हो कि गुजरात कैडर के पूर्व आइपीए संजीव भट्ट ने अपने फेसबुक अकांउट पर एक पोस्ट डाला था, जिसमें उन्होंने सवाल उठाया था, क्या इस समय भारतीय क्रिकेट टीम में कोई मुस्लिम खिलाड़ी है ?आज़ादी से आज तक ऐसा कितनी बार हुआ कि भारत की क्रिकेट टीम में कोई मुसलमान खिलाड़ी ना हो ? क्या मुसलमानों ने क्रिकेट खेलना बन्द कर दिया है ? या खिलाड़ियों का चुनाव करने वाले किसी और खेल के नियम मान रहे हैं ?
संजीव के इस सवाल पर भज्जी ने उनको टैग करते हुए करारा जवाब दिया था। भज्जी ने लिखा, हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में है भाई। क्रिकेट टीम में खेलने वाला हर खिलाड़ी हिंदुस्तानी है उसकी जात या रंग की बात नहीं होनी चाहिए।