बेंगलुरु। विदेश में पिछले 14 मैच खेलकर ऑस्ट्रेलियाई टीम 12 मुकाबले हार गई थी। एक टाई हुआ था और एक में परिणाम नहीं निकला था। गुरूवार को यहां एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में वनडे सीरीज के चौथे मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 21 रन से हरा दिया। इस हार के साथ भारत पहली बार लगातार 10 मैच जीतने का रिकॉर्ड से चूक गया। वहीं ऑस्ट्रेलिया को मैच जीतकर पहली जीत नसीब हुई।
ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवर में 5 विकेट पर 334 रन बनाए थे। जवाब में टीम इंडिया रन बना सकी। डेविड वॉर्नर ने अपने 100वें मैच में शतक बनाया। उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। आखिरी मैच 1 अक्टूबर को नागपुर में होगा।
हमारी हार के दो बड़े कारण...
पारी के 23वें ओवर की अंतिम गेंद पर कैप्टन विराट कोहली ने कॉल्टर नाइल की गेंद को पॉइंट पर स्टीयर किया और रन लेने दौड़ पड़े, लेकिन रोहित शर्मा को देखे बगैर क्रीज पर पलट गए। ग्लेन मैक्सवेल ने कॉल्टर नाइल को थ्रो दिया और रोहित रन आउट हो गए। रोहित जबर्दस्त खेल दिखा रहे थे, क्योंकि अपने 65 रन में वे 5 छक्के और 1 चौका जड़ चुके थे और स्ट्राइक रेट 118.18 था।
पारी के 38वें ओवर की पहली गेंद पर हार्दिक पंड्या ने एडम जैम्पा को अनमने ढंग से वाइडिस मिड आॅफ की ओर ऊंचा शॉट खेला, लेकिन डेविड वॉर्नर ने वहां आसान कैच कर लिया। पंड्या ने 3 छक्के और 1 चौके के साथ 102.50 के स्ट्राइक रेट से 41 रन बनाए।
वॉर्नर ने अपने 100वें मैच में शतक बनाकर इस जीत को बनाया यादगार
ग्रीनिज, गेल, सरवन, कैर्न्स, योहाना, संगकारा और ट्रेस्कोथिक की तरह डेविड वॉर्नर ने भी बनाया अपने 100वें वनडे मैच में शतक डेविड वॉर्नर ने अपने 100वें वनडे मैच में शतक बनाया। विंडीज के गॉर्डन ग्रीनिज, क्रिस गेल, रामनरेश सरवन, यूसुफ योहाना, कुमार संगकारा और मार्कोस ट्रेस्कोथिक ने भी अपने -अपने 100वें वनडे में शतक बनाया था।
बल्ले के आकार से कोई फर्क नहीं पड़ता
डेविड वॉर्नर ने साबित कर दिया कि बल्ले के आकार से फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने टीम इंडिया के खिलाफ 119 गेंद में 12 चौके और 4 छक्के के साथ 124 रन की पारी खेली, जिसमें उनका स्ट्राइक रेट 104.20 रहा। वॉर्नर दुनिया के उन क्रिकेटरों में से एक हैं, जो मोटे बल्ले से खेलने के आदी थे, लेकिन उन्होंने नए नियम के तहत बेंगलुरु मैच से पहले 40 मिमी मोटे और 67 मीटर चौड़े बैट से खेलते थे। अब वे इस माप से कम के बैट से खेल रहे हैं।
वॉर्नर ने कहा -
वे दो सप्ताह पहले बांग्लादेश सीरीज से इस बल्ले का इस्तेमाल कर रहे थे। ऐसा नहीं है कि बड़े बल्ले से ज्यादा छक्के लगते हैं। यह सब बल्लेबाज और पिच पर निर्भर करता है। हम अपनी ताकत और कौशल पर निर्भर करते हैं, न की बल्ले के आकार पर।