नई दिल्ली। मजदूर पिता के पास इतने पैसे तक नहीं थे कि वो अपने बेटे के लिए जूते तक खरीद सके। दो वक्त की रोटी जुटाना ही उनके लिए बहुत बड़ी बात थी। फिर भी पिता ने अपने बेटे के सपने देखने से नहीं रोका। उसने क्रिकेटर बनने का सपना देखा तो पिता भी उसे हकीकत बनाने में जुट गया। एक शिफ्ट से पैसे कम पड़े तो मजदूर पिता दो शिफ्ट करने लगा। बेटे ने खेलने के लिए जूते मांगे, जो काफी महंगे थे। पिता के लिए उन्हें दिला पाना संभव नहीं था। ऐसे में उन्होंने बाजार से ब्याज पर पैसे लिए और अपने बेटे को जूते दिलवाए ताकि वो अपने सपनों के करीब पहुंच सके। अब बेटा अपने पिता के लिए करोड़ों का बंगला बनवा रहा है।
दरअसल, ये पूरी कहानी इंडियन क्रिकेटर नाथू सिंह की है, जो बेहद गरीब परिवार से आते हैं। उनके पिता एक वायर फैक्ट्री में मजदूर हैं। चंद हजार रुपए की कमाई से वो पूरे घर का खर्चा उठाते हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी अपनी इस गरीबी को बेटे नाथू के सपने पर हावी नहीं होने दिया. वो तो उसके लिए घर तक बेचने को तैयार थे।
आईपीएल से रातों रात करोड़पति बने नाथू ने एक इंटरव्यू में बताया कि एक बार उन्हें खेलने के लिए जूते चाहिए थे, जिनकी कीमत हजारों में थी। पिता के पास पैसे नहीं थे तो उन्होंने बाजार से ब्याज पर पैसे उठाए और उन्हें पांच हजार के जूते दिलवाए। नाथू के मुताबिक, 'उन्हें घर भी चलाना होता था और मेरे खर्च भी। उन्होंने हमेशा मुझसे कहा, जो तू कर रहा है, बस मन भर के कर. मैं तेरे लिए सबकुछ करूंगा,चाहे मुझे घर क्यों ना बेचना पड़े।
आईपीएल ने बनाया करोड़पति
पिता का त्याग उस वक्त रंग लाया जब नाथू रातों रात करोड़पति और एक स्टार क्रिकेटर बन गए। आईपीएल में 10 लाख की बेस प्राइज वाले नाथू को मुंबई इंडियंस ने 3.2 करोड़ रुपए की चौंकाने वाली कीमत पर खरीदा. हालांकि, पिछले सीजन में उन्हें खेलने को नहीं मिला। इस बार गुजरात लायन्स की टीम ने उन्हें 50 लाख में खरीदा, जिसके बाद उन्होंने लीग में दो मैच खेले।