नई दिल्ली। रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से मशहूर शोएब अख्तर का नाम आज भी क्रिकेट की दुनिया के सबसे तेज गेंदबाज के रूप में जाना जाता है। शोएब के नाम ही क्रिकेट इतिहास की सबसे तेज गेंद फेंकने का रिकॉर्ड है। शोएब अख्तर सिर्फ पाकिस्तान में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के बेहतरीन तेज गेंदबाजों में से एक रह चुके हैं। उनकी गेंद की तेज रफ्तार से बड़े से बड़े बल्लेबाज कतराते थे। उनकी गेंद से कई बल्लेबाज भी चोटिल हो चुके हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शोएब अख्तर का जन्म कितनी मन्नतों के बाद हुआ था और किस तरह उनकी मां उन्हें मौत के मुंह से खींच कर वापस लाई थी।
पाकिस्तान के दिग्गज बॉलर शोएब अख्तर आज 42 साल (13 अगस्त, 1975) के हो गए हैं। दुनिया के सबसे तेज फास्ट बॉलर्स में से एक शोएब का बचपन बेहद गरीबी में बीता, लेकिन आज वो करोड़ों के मालिक हैं। क्रिकेट फील्ड से दूर होने के बाद भी वो कभी बतौर क्रिकेट एक्सपर्ट तो कभी टीवी होस्ट के रूप में फैन्स को एंटरटेन कर रहे हैं।
अपनी ऑटोबायोग्राफी में शोएब ने अपने बचपन के कठिन समय का जिक्र किया है. उन्होंने किताब में बताया है कि बचपन में उनके पैर के तलवे फ्लैट थे। इस वजह से शुरुआत में चलना तो दूर वो ठीक से खड़े भी नहीं हो पाते थे। करीब 6 साल तक उन्हें चलने में बहुत दिक्कत आती थी।
शोएब के तीन बड़े भाई हैं। सबसे बड़े भाई का नाम आफरीदी है। उनके चौथे नंबर के भाई की डेथ बीमारी के कारण हो गई थी। इसके बाद शोएब का जन्म हुआ था। उनकी एक छोटी बहन भी है। जो शोएब के 11 साल बाद पैदा हुई थी। बचपन में शोएब बहुत शरारती थे। स्कूल से अकसर उनकी शिकायत आती थी। शोएब वहां लड़कियों की चोटी तक खींच दिया करते थे। इस वजह से घर पर ही उन्हें खूब डांट पड़ती थी।