तिरुअनंतपुरम। केरल हाईकोर्ट ने तेज गेंदबाज एस.श्रीसंत पर से बैन हटा दिया है। बता दें बैन के खिलाफ श्रीसंत ने केरल हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस तेज गेंदबाज का नाम साल 2013 में आईपीएल 6 के दौरान स्पॉट फिक्सिंग में आया था। सितंबर 2013 में बीसीसीआई की अनुशासन समिति ने उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था। साल 2015 में दिल्ली की ट्रायल कोर्ट ने श्रीसंत पर लगे सभी आरोपों को रद्द कर दिया था।
श्रीसंत के साथ ही अजीत चंदीला और अंकित चव्हाण समेत सभी 36 आरोपियों को बरी कर दिया गया था। लेकिन बीसीसीआई ने श्रीसंत पर लगे बैन को वापस नहीं लिया। इसके चलते केरल का यह खिलाड़ी वापस से क्रिकेट के मैदान पर वापसी नहीं कर पा रहा है।
इससे नाराज श्रीसंत ने कहा था, ‘जब मेरे आजावीन प्रतिबंध के बारे में कोई आधिकारिक लेटर नहीं है, तो क्यों अंपायर मुझे खेलने से रोकेंगे? जब मैं तिहाड़ जेल में था तो मुझे सिर्फ एक सस्पेंशन लेटर मिला था। सस्पेंशन लेटर सिर्फ 90 दिनों के लिए वैध होता है। आज तक कोई (बैन को लेकर) आधिकारिक संवाद नहीं हुआ है। मैं बेवकूफ था जो इतने दिनों तक क्रिकेट नहीं खेला। मेरे साथ आंतकवादी से भी ज्यादा खराब व्यवहार किया गया।’
दरअसल, 2013 में आईपीएल अपने अंतिम चरण में था, लेकिन तभी स्पॉट फिक्सिंग की खबर से खलबली मची थी। 16 मई 2013 को एस. श्रीसंत और राजस्थान रॉयल्स के उनके दो अन्य साथी खिलाड़ी (अजित चंदीला और अंकित चव्हाण) गिरफ्तार हुए थे। आईपीएल-6 में स्पॉट फिक्सिंग के आरोप दिल्ली पुलिस ने इन तीनों को मुंबई में गिरफ्तार किया था।