नई दिल्ली। टीम इंडिया टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की मुश्किल एक बार फिर बढ़ गई है। क्योंकि दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें नोटिस भेजा हैं। धोनी पर फिटनेस से जुड़े सामान को बेचने वाली दो कपंनियों का विज्ञापन करने के मामले में ये याचिका दायर की गई है।
यह याचिका स्पोर्ट्स वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड (एसडब्ल्यूपीएल) में 33 फीसद हिस्सेदारी रखने वाले विकास अरोड़ा ने लगाई है। इसमें कहा गया है कि अनुबंध के तहत जिम और फिटनेस से जुड़े सामान का विज्ञापन धोनी केवल उनकी कंपनी के लिए ही कर सकते हैं, लेकिन अनुबंध की शर्तों को तोड़ते हुए उन्होंने प्रतिद्वंद्वी कंपनी फिट-7 के लिए विज्ञापन किया है।
अनुबंध का उल्लघंन करने के बावजूद उनकी कंपनी ने धोनी पर किसी तरह की कानूनी कार्रवाई नहीं करने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि उनकी कंपनी ने धोनी पर 22 करोड़ रूपए निवेश किया है। वह इस तय रकम का भुगतान होने के बाद धोनू को कंपनी से बाहर निकालने को तैयार है। जिसके लिए कार्रवाई भी चल रही है।
अरोड़ा का कहना है कि याचिका कंपनी की तरफ से लगाई गई है और धोनी को ऐसा करने से रोका जाना चाहिए। हाई कोर्ट ने इस याचिका पर धोनी, एसडब्ल्यूपीएल व फिट-7 के निदेशकों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।
वहीं एसडब्ल्यूपीएल की तरफ से कहा गया है कि यह याचिका गलत मकसद से लगाई गई है। SWPL के डायरेक्टरों में से एक संजय पांडे का कहना है कि यह सब धोनी को बदनाम करने की कोशिश है। पांडे ने कहा कि कंपनी का मौजूदा मैनेजमेंट विकास अरोड़ा और उनके साथियों की वजह से हुए भारी नुकसान की भरपाई की कोशिश कर रहा है। इन्होंने कंपनी में करोड़ों रुपये की हेराफेरी की है।