नई दिल्ली। नवनियुक्त मुख्य कोच रवि शास्त्री की मांग को स्वीकार करते हुए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने पूर्व तेज गेंदबाज भरत अरुण को भारतीय क्रिकेट टीम का गेंदबाजी कोच नियुक्त किया है, इससे इस पद को लेकर पिछले कई दिनों से चल रहा नाटकीय घटनाक्रम भी समाप्त हो गया। शास्त्री वर्ष 2014 से 2016 तक जब भारतीय टीम के निदेशक थे तब भी अरुण गेंदबाजी कोच थे। उन्होंने जल्द ही शुरू होने वाले अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान भी अरुण को ही यह जिम्मेदारी सौंपने के लिये कहा था।
क्रिकेट का खासा अनुभव
अरुण को दो साल के अनुबंध पर नियुक्त करने का फैसला शास्त्री की प्रशासकों की समिति तथा कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना व सचिव अमिताभ चौधरी सहित बीसीसीआई अधिकारियों से मुलाकात के बाद किया गया। विजयवाड़ा के भरत अरुण 80 के दशक में भारत के लिए दो टेस्ट और चार वनडे मैच खेल चुके हैं। उन्होंने दिसंबर 1986 में श्रीलंका के खिलाफ कानपुर में टेस्ट डेब्यू किया था। इसी वर्ष उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ अपने वनडे करियर का आगाज किया था। टेस्ट क्रिकेट में 4 और वनडे में एक विकेट उनके नाम पर दर्ज हैं। इंटरनेशनल क्रिकेट में भरत अरुण ने भले ही कम मैच खेले हैं लेकिन प्रथम श्रेणी क्रिकेट में खेलने का पर्याप्त अनुभव उनके पास है।
बीसीसीआई ने लिया यू टर्न
चौधरी के संवाददाता सम्मेलन में नियुक्ति की घोषणा करने के बाद शास्त्री ने कहा, मेरी अपनी मुख्य टीम को लेकर सोच स्पष्ट थी और आपने अभी उसके बारे में सुना। इसके अलावा बीसीसीआई ने वनडे वर्ल्डकप 2019 तक संजय बांगर को बल्लेबाजी कोच और आर श्रीधर को फील्डिंग कोच नियुक्त करने का भी फैसला किया। उनकी नियुक्ति का मतलब है कि बीसीसीआई ने पूरी तरह से यू टर्न लिया है। उसने पहले जहीर खान को गेंदबाजी सलाहकार नियुक्त किया था और बाद में स्पष्टीकरण दिया था कि यह केवल विदेशी दौरों के लिए है। राहुल द्रविड़ की बल्लेबाजी सलाहकार पद पर स्थिति को लेकर भी कुछ स्पष्टता नहीं है।
चयन पर सीएसी का जताया आभार
जहीर और द्रविड़ के बारे में पूछे गये सवाल पर शास्त्री का जवाब था, यह सब उनकी उपलब्धता पर निर्भर करता है। यह एक व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह कितने दिन टीम को देना चाहता है लेकिन उनकी राय अमूल्य होगी और उनका स्वागत है। रवि शास्त्री अपनी नियुक्ति की घोषणा के समय लंदन में थे। उन्होंने इस महत्वपूर्ण पद पर उनका चयन करने के लिए क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) का आभार व्यक्त किया जिसमें सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण शामिल हैं। उन्होंने कहा, मैं सीएसी का आभार व्यक्त करना चाहूंगा क्योकि भारतीय टीम का कोच बनना बड़ा सम्मान है। मैं सीएसी का इसलिए भी आभार व्यक्त करता हूं कि उसने मुझे इस पद के लायक समझा।
सहवाग को इसलिए कोच नहीं बनाया
भारतीय क्रिकेट टीम के नए कोच की रेस में टीम इंडिया के पूर्व विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग सबसे आगे माने जा रहे थे। वीरू को कोहली का पूरा समर्थन भी था, लेकिन अंत में बाजी रवि शास्त्री ने मार ली। एक अखबार के मुताबिक, सहवाग कोच की रेस से इसलिए बाहर हो गए, क्योंकि आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब के डायरेक्टर आॅफ क्रिकेट आॅपरेशन सहवाग टीम में अपना खुद का स्टाफ चाहते थे। इसी सपोर्ट स्टाफ के मुद्दे पर रवि शास्त्री से पीछे हो गए थे।
पुराने स्टाफ के पक्ष में थे कोहली
इस मुद्दे पर कोहली ने कहा, पाजी मैं आपकी बहुत इज्जत करता हूं, लेकिन यह नहीं हो सकता। बाकी सीएसी पर निर्भर करता है। कोहली ने कहा, यहां सपोर्ट स्टाफ है, जिसने काफी समय से टीम के साथ काम किया है। कई लोग ऐसे भी हैं, जो व्यक्तिगत तौर पर टीम के हर एक खिलाड़ी की जरूरत समझते हैं। इसके बाद रेस में रवि शास्त्री आगे हो गए। उन्होंने यह भी कहा कि शास्त्री वर्क एथिक्स की अहमियत जानते हैं। उन्हें मौजूदा सपोर्ट स्टाफ ने ही आगे रखा था, जिन्होंने उनके साथ 3 साल काम किया है।