नई दिल्ली। अफगानिस्तान क्रिकेट टीम ने पिछले कुछ सालों में बेहतरीन प्रदर्शन करके विश्व क्रिकेट में अपनी अलग पहचान बनाई है। महज चार सालों में इस टीम ने फर्श से अर्श तक का सफर तय किया और इंटरनेशनल क्रिकेट में दस्तक देकर दिग्गज टीमों को हैरान कर दिया। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने भी अफगानिस्तान क्रिकेट को उभरते देखने के बाद, मदद करने में कोई हिचकिचाहट नहीं दिखाई। हाल ही में आईसीसी ने अफगानिस्तान को पूर्णकालिक सदस्य बनाते हुए उसे टेस्ट दर्जा सौंपा। ये अफगानिस्तान क्रिकेट इतिहास की सबसे बड़ी उपलब्धि रही। अब उसे एक और बड़ा तोहफा मिला है।
दरअसल, ये तोहफा अफगानिस्तान क्रिकेट के लिए है। अफगानिस्तान की ए टीम अब इस महीने के आखिर में दक्षिण अफ्रीका में होने वाली ट्राई सीरीज में ऑस्ट्रेलिया 'ए' की जगह हिस्सा लेगी। ऑस्ट्रेलिया 'ए' टीम ने थोड़े समय पहले ही ट्राई सीरीज से अपना नाम वापस ले लिया था। इसके पीछे की असली वजह है खिलाड़ियों और बोर्ड के बीच चल रहे वेतन विवाद। याद हो कि ऑस्ट्रेलिया बोर्ड से विवाद के कारण 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के बाद 200 से अधिक क्रिकेटर्स बेरोजगार हो गए हैं। इनमें सीनियर और जूनियर समेत राज्य टीमों के कई क्रिकेटर्स शामिल हैं। वैसे अब तक बोर्ड और खिलाड़ियों की बीच विवाद सुलझा नहीं है।
सीएसए के प्रमुख कार्यकारी हारून लोर्गट ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा, 'हम अफगानिस्तान का शुक्रियादा करते हैं कि उसने हमारा निमंत्रण स्वीकार किया और अब हम अपने देश में पहली बार स्वागत करने पर ध्यान दे रहे हैं।' लोर्गट ने कहा कि प्रमुख अफगानिस्तान टीम के समान ही 'ए' टीम से भी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। अफगानिस्तान की 'ए' टीम की घोषणा जल्द ही होगी। ऐसा माना जा रहा है कि इस सीरीज से अफगानिस्तान को बहुत फायदा मिलेगा और उसके पास मोहम्मद शहजाद, राशिद खान और मोहम्मद नबी जैसे खिलाड़ियों की फौज बढ़ जाएगी यानी टीम को मजबूत करने के लिए विकल्प बढ़ जाएंगे।