नई दिल्ली। टीम इंडिया के नए कोच की रेस में पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज और आईपीएल में किंग्स XI पंजाब के मेंटर बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग भी फेवरिट माने जा रहे थे। खबरों की मानें तो वीरू को भी कोहली का पूरा समर्थन था, लेकिन अंत में बाजी पूर्व कप्तान रवि शास्त्री ने मार ली। सब कुछ ठीक था लेकिन एक बात जिसने सहवाग का खेल बिगाड़ा वह थी उनके द्वारा अपना सपोर्ट स्टाफ लाने की योजना। सहवाग कोच बनने के बाद फिजियोथेरपिस्ट अमित त्यागी और किंग्स इलेवन पंजाब के असिस्टेंट कोच मिथुन मन्हास को लाना चाहते थे।
यही बात कोहली को पसंद नहीं आई और उन्होंने सहवाग को साफ शब्दों में कह दिया कि पाजी, आपके लिए तो मेरे मन में सम्मान है लेकिन सपोर्ट स्टाफ वाली बात संभव नहीं है क्योंकि टीम में पहले से ही प्रोफेशनल सेट-अप है। यही कारण था जिससे रवि शास्त्री टीम इंडिया के कोच बन गए। सीएसी द्वारा कोच पद के लिए जिन पांच लोगों का इंटरव्यू लिया गया उनमें शास्त्री और टॉम मूडी के बाद सहवाग का ही प्रेजेंटेशन सबसे बेहतरीन था और ये सीएसी में शामिल सौरव, सचिन और लक्ष्मण को पसंद भी आया था।
और एक कारण यह भी रहा कि सचिन तेंदुलकर का झुकाव शास्त्री की तरफ ज्यादा था जबकि सचिन और सहवाग के अच्छे रिश्ते से हर कोई वाकिफ है। इन्हीं कारणों की वजह से आखिर में बाजी रवि शास्त्री ने मारी।