मुंबई। गेंदबाजी कोच के चयन को लेकर रवि शास्त्री और सौरव गांगुली के बीच विवादों के चौके-छक्के लगातार लग रहे हैं। टीम इंडिया के मुख्य कोच रवि शास्त्री के नाम की घोषणा के बाद भी विवाद रुक नहीं रहे हैं। पहले कोच के चयन को लेकर घमासान मचा और अब गेंदबाजी कोच के लिए भरत अरुण के नाम पर विवाद गहराता जा रहा है।
रवि शास्त्री चाहते हैं कि अरुण को टीम इंडिया का गेंदबाजी कोच बनाएं, जबकि दूसरी ओर क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) ने जहीर खान को गेंदबाजी कोच की जिम्मेदारी सौंपी थी।
खुश नहीं शास्त्री
पहले यह खबर चर्चा में थी कि गांगुली रवि शास्त्री को कोच बनाने के पक्ष में नहीं थे, लेकिन जब गांगुली के सामने जहीर खान को बॉलिंग कोच बनाए जाने का आॅफर रखा गया, तब वे शास्त्री को कोच बनाने के लिए राजी हो गए थे। शास्त्री के नाम के साथ-साथ जहीर खान को गेंदबाजी कोच और राहुल द्रविड़ को ओवरसीज सीरीज के लिए बैटिंग कोच बनाया गया। किसी को यह आशा नहीं था कि जहीर खान और राहुल द्रविड़ के नामों की घोषणा की जाएगी।
रवि शास्त्री जहीर खान के चयन को लेकर खुश नहीं हैं, वे भरत अरुण को फुल टाइम बॉलिंग कोच के रूप में चाहते हैं। रवि शास्त्री जब टीम डायरेक्टर थे, तब अरुण टीम के बॉलिंग कोच थे। वहीं एक गेंदबाज के रूप में जहीर खान का भरत अरुण से ज्यादा अनुभव रहा है।
पूर्व क्रिकेटरों की कमेटी पर आरोप
इस विवाद में पूर्व क्रिकेटरों को भी घेरा जा रहा है। पूर्व क्रिकेटरों सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण वाली तीन सदस्यीय एडवाइजरी कमेटी पर यह आरोप लग रहा है कि इन्होंने जहीर खान और राहुल द्रविड़ के नामों की सिफारिश करने से पहले मुख्य कोच रवि शास्त्री से कोई बातचीत नहीं की थी। विवाद तब गहरा गया, जब रवि शास्त्री ने जहीर खान की जगह भरत अरुण को गेंदबाजी कोच के लिए अपनी पसंद बताया। रवि शास्त्री ने साफ किया कि वो अपने साथ सपोर्ट स्टाफ में अपनी पसंद के लोगों को चाहते हैं।
पहले भी दोनों में हुए मनमुटाव
गांगुली और शास्त्री के बीच मनमुटाव के मामले पहले भी सामने आते रहे हैं। वर्ष 2016 में रवि शास्त्री जब कोच नहीं बन पाए थे, तब उन्होंने गांगुली को कोसते हुए एक इंटरव्यू दिया था, जो चर्चा में रहा था। इसके बाद गांगुली ने भी 29 जून 2016 को शास्त्री पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था, ‘यदि अगर रवि शास्त्री सोचते हैं कि वह गांगुली की वजह से कोच नहीं बन पाए, तो वे बेवकूफों की दुनिया में रह रहे हैं।’ गौरतलब है कि अनिल कुंबले जब कोच थे तब वह उन्होंने जहीर खान का नाम बॉलिंग कोच के लिए आगे बढ़ाया था। वर्ष 2000 में जहीर खान ने जब अपना अंतरराष्ट्रीय करियर शुरू किया तब सौरव गांगुली ही टीम इंडिया के कप्तान थे।