मुंबई। रवि शास्त्री को टीम इंडिया को कोच बनाए जाने के बाद एक हैरान कर देने वाला खुलासा सामने आया है। बीसीसीआई से जुड़े सूत्रों के अनुसार, सीएसी सदस्य सौरभ गांगुली रवि शास्त्री को नियुक्त करने के पक्ष में नहीं थे लेकिन बाद में सचिन तेंदुलकर ने उन्हें मनाया। इसके बाद रवि शास्त्री को कोच नियुक्त करने की घोषणा हुआ।
जहीर को बॉलिंग कोच बनाने की शर्त पर माने गांगुली
सूत्रों के अनुसार, रवि शास्त्री को मुख्य कोच बनाने की घोषणा से पहले सौरभ गांगुली ने बोर्ड के सामने जहीर खान को बॉलिंग कोच बनाने की शर्त रखी। सौरभ की यह शर्त माने जाने के बाद ही रवि शास्त्री और जहीर खान के नाम की घोषणा की गई। सूत्रों के अनुसार, सौरभ जानते थे कि जहीर खान के नाम को लेकर कोई भी आपत्ति नहीं करेगा। इसीलिए उन्होंने बोर्ड के सामने जहीर का नाम आगे रखा। सौरभ नहीं चाहते थे कि शास्त्री की पसंद भारत अरुण को बॉलिंग कोच बनाया जाए।
सहवाग और शास्त्री में था मुकाबला
टीम इंडिया के मुख्य कोच के लिए सीएसी ने सोमवार को आवेदकों के इंटरव्यू लिए थे। टीम इंडिया के मुख्य कोच पद के लिए देश-विदेश के 10 खिलाडिय़ों ने आवेदन किया था। लेकिन बीसीसीआई ने इसमें से 5 को ही इंटरव्यू के लिए बुलाया था। इंटरव्यू के बाद भारत के वीरेंद्र सहवाग और रवि शास्त्री में मुख्य मुकबला बताया जा रहा था। लेकिन मंगलवार देर शाम सीएसी ने रवि शास्त्री को टीम इंडिया का मुख्य कोच बनाने की घोषणा की।
कोच के चयन में कोहली की खूब चली
टीम इंडिया का नया कोच चुनने में कप्तान विराट कोहली की खूब चली है। सोमवार को इंटरव्यू के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए सीएसी सदस्य सौरभ गांगुली ने कोच के चयन में और वक्त मांगने की बात कही थी। इस दौरान उन्होंने टीम के कप्तान विराट कोहली से भी सलाह लेने की बात कही थी। मंगलवार को अचानक रवि शास्त्री का नाम मुख्य कोच के लिए घोषित कर दिया गया।