नई दिल्ली। BCCI के पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में गुरूवार को बिना शर्त माफी मांग ली है। ठाकुर ने कहा कि उनका कोर्ट का अपमान करने का कोई इरादा नहीं है। भाजपा सांसद ठाकुर से 7 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने माफी मांगने के लिए कहा था ताकि उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मामला समाप्त किया जा सके।
ठाकुर ने कोर्ट में दायर अपने शपथ पत्र में कहा" मैंने कोर्ट की गरिमा को जानबूझकर कभी भी ठेस पहुंचाने की कोशिश नहीं की और गलत जानकारी और संवादहीनता के कारण कुछ गलतफहमी पैदा हो गई। मैं इसलिए कोर्ट में बिना शर्त माफी मांगता हूं।"
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने गत 7 जुलाई को ठाकुर के माफीनामे को नामंजूर कर दिया था। इसके बाद जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने ठाकुर को बिना शर्त माफी मांगने का आदेश दिया था।
शीर्ष कोर्ट ने 14 जुलाई को BCCI के पूर्व अध्यक्ष को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने का आदेश देते हुए उन्हें सख्त हिदायत दी कि माफीनामे की भाषा एकदम स्पष्ट होनी चाहिए और इसमें किसी तरह का घालमेल नहीं होना चाहिए।
दरअसल, शीर्ष कोर्ट ने अनुराग से कहा था कि अगर उनके खिलाफ यह साबित हो जाता है कि उन्होंने BCCI में सुधार पर अड़ंगा नहीं लगाने की झूठी शपथ ली है तो उन्हें जेल भेजा जा सकता है।
ठाकुर ने इस मामले में कोर्ट से माफी मांगी थी। शीर्ष कोर्ट ने कहा था कि वह उनके खिलाफ मुकदमा वापस लेने को तैयार है, लेकिन माफी की भाषा स्पष्ट होनी चाहिए। दरअसल पिछले साल 15 दिसंबर को कोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया ठाकुर पर कोर्ट की अवमानना और झूठी गवाही का मामला बनता है।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) को चिट्ठी लिखकर बोर्ड में सुधारों की प्रक्रिया में अड़ंगा लगाने की कोशिश की थी। अनुराग ने इस बात से इन्कार किया था कि उन्होंने ICC चेयरमैन शशांक मनोहर को ऐसा कोई पत्र लिखा था।