मुंबई। रवि शास्त्री को टीम इंडिया का अगला कोच चुना गया है। मंगलवार को इसका ऐलान कर दिया गया। उनका कार्यकाल दो साल तक रहेगा। इससे पहले सोमवार को बीसीसीआई की सीएसी कमेटी ने कोच पद के उम्मीदवारों के इंटरव्यू लिए थे। रवि शास्त्री भारतीय क्रिकेट टीम के साथ 14वें कोच के रूप में जुड़ेंगे। इससे ये भी साफ हो गया है कि विश्वकप 2019 के लिए टीम को तैयार करने की जिम्मेदारी अब रवि शास्त्री पर ही है।
शास्त्री के कप्तान विराट के साथ संबंध काफी मधुर माने जाते हैं और अनिल कुंबले के कोच पद छोड़ने के बाद इस बात की जोरदार चर्चा थी कि शास्त्री को ही अगला कोच बनाया जाएगा। यह माना जाता है कि सचिन तेंदुलकर और पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर भी शास्त्री को कोच बनाने के पक्ष में थे।
सलाहकार समिति ने जब सोमवार शाम को कोच के लिए अपना फैसला टाला तो उसके बाद अटकलें तेज हो गई कि वीरेंद्र सहवाग की दावेदारी मजबूत हो गई है। समिति ने दो घंटे तक सहवाग का साक्षात्कार लिया था लेकिन शास्त्री ने कोच की होड़ में सहवाग और आॅस्ट्रेलिया के टॉम मूडी को मात दे दी।
शास्त्री के कोच बनने के बाद अब भारतीय टीम श्रीलंका दौरे में कोच के साथ जाएगी। शास्त्री इस दौरे में टीम के कोच रहेंगे जो 26 जुलाई से शुरू होगा। इस दौरे में तीन टेस्ट, पांच वनडे और एक टी-20 खेला जाना है। 55 वर्षीय शास्त्री को तीन दिग्गजों की सलाहकार समिति ने चुन ही लिया।
शास्त्री ने पहले कोच पद के लिये आवेदन नहीं दिया था लेकिन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने जब कोच पद के लिए आवेदन सीमा नौ जुलाई तक बढ़ा दी तो शास्त्री इस होड़ में कूद पड़े और प्रबल दावेदार बन गए। शास्त्री भारत के 2014 में इंग्लैंड दौरे से लेकर भारत की मेजबानी में 2016 में हुए ट्वंटी-20 विश्वकप तक टीम निदेशक रहे थे। भारतीय टीम को विश्वकप के सेमीफाइनल में वेस्टइंडीज के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। भारत के लिए 80 टेस्ट और 150 वनडे खेलने वाले शास्त्री 2007 में बांग्लादेश दौरे में भारतीय टीम के मैनेजर भी रहे थे।
इससे पहले शास्त्री ने गत वर्ष जब टीम निदेशक का पद छोड़ा था तब उन्होंने उस समय कहा था कि वह अपनी स्पष्ट भूमिका चाहते हैं। शास्त्री के पद छोड़ने के बाद अनिल कुंबले को भारतीय कोच बनाया गया था तो उस समय भी शास्त्री ने कोच पद के लिए आवेदन किया था लेकिन सीएसी ने कुंबले को शास्त्री पर प्राथमिकता दी थी। कुंबले का कार्यकाल पिछले महीने इंग्लैंड में चैंपियंस ट्राॅफी के बाद समाप्त हो गया।
कुंबले ने भी फिर से कोच पद के लिए आवेदन किया था लेकिन कुछ दिन बाद ही उन्होंने कप्तान विराट से मतभेदों का हवाला देते हुए अपना इस्तीफा दे दिया था। मुंबई में कल सीएसी की बैठक के बाद गांगुली ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि विराट ने कोच के लिए अपनी कोई प्राथमिकता नहीं बताई है और उन्होंने खुद को इस मामले से अलग रखा है। लेकिन 24 घंटे बाद ही विराट की पसंद शास्त्री कोच बन गए।