20 Apr 2024, 13:16:20 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
Sport

B'day Special: ऐसा कप्तान जिसकी 'दादागीरी' ने बदल दी टीम इंडिया की तस्वीर

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 8 2017 11:27AM | Updated Date: Jul 8 2017 11:27AM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट के सबसे महान कप्तानों में शुमार सौरव गांगुली आज अपना 45वां जन्मदिन हैं। एक कप्तान और बल्लेबाज के तौर पर गांगुली को भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे महान क्रिकेटरों में से एक माना जाता है। इनके नाम कई रिकार्ड दर्ज हैं। इस मौके पर जानते हैं इनके ये खास रिकार्डस के बारे में-
 
जब सौरव को मिला 'महाराज' का निकनेम
इंग्लैंड दौरा सौरव की पहली टेस्ट सीरीज थी। लेकिन उनके अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरूआत इससे चार साल पहले यानी वेस्टइंडीज में 1992 में हुई थी। इस दौरे में उन्हें एक ही वनडे  मुकाबला खेलने का मौका मिला मिला था, जिसमें वह मजह तीन रन ही बना सके थे। सौरव इस दौरे पर अपनी नाकामी की वजह से नहीं बल्कि अपने अड़ियल व्यवहार की वजह से चर्चित हुए थे। कहा जाता है कि उन्होंने बतौर एक्स्ट्रा खिलाड़ी मैदान पर ड्रिंक्स ले जाने से भी मना कर कर दिया था। सौरव ऐसे रवैये के चलते लोगों ने कटाक्ष के तौर पर उन्हें ‘महाराजा’ का निकनेम भी दे दिया था।

ऐसा रहा कप्तानी का सफर
सौरव गांगुली अपनी कप्तानी में टीम इंडिया को 20 से ज्यादा टेस्ट मैचों में जीत दिलाने वाले पहले कप्तान हैं। उनकी कप्तानी में भारत ने 21 टेस्ट जीते। उनका यह रिकॉर्ड टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने तोड़ा। 2000 से 2005 के बीच टीम इंडिया की कमान संभालने वाले गांगुली की अगुवाई में भारत ने 49 टेस्ट मैच खेले जिसमें से 21 में उसे जीत और 13 में हार का सामना करना पड़ा, जबकि 15 मैच ड्रॉ हुए। दादा की अगुवाई में 1999 से 2005 के बीच भारत ने 146 वनडे मैचों में 76 जीते और 65 गंवाए, जबकि 5 मैचों के नतीजे नहीं आए।

डेब्यू मैच में ही दोनों पारियों में जड़ी सेंचुरी
1996 में लॉर्ड्स टेस्ट से अपना इंटरनेशनल करियर शुरू करने वाले गांगुली उस समय दुनिया के तीसरे ऐसे बल्लेबाज थे जिसने डेब्यू टेस्ट की दोनों पारियों में सेंचुरी जड़ी थी। यानि कि डेब्यू करते ही ये क्रिकेट की दुनिया में छा गए थे। 
 
सौरव की कप्तानी में ही भारतीय टीम साल 1983 के बाद पहली बार साल 2003 में वर्ल्डकप के फाइनल में पहुंची थी। मैदान पर अपने खिलाड़ियों पर गुस्सा दिखाने और विरोधी खिलाड़ियों से झगड़ने के चलते वह हमेशा चर्चा में रहते थे। सौरव की कप्तानी में ही युवराज सिंह, वीरेंद्र सहवाग और हरभजन सिंह जैसे क्रिकेटरों को भारतीय क्रिकेट में स्थापित होने का मौका मिला।
 
साल 2005 में खराब फॉर्म और कोच ग्रेप चैपल के साथ मतभेदों के चलते सौरव टीम इंडिया से बाहर भी हुए लेकिन जुझारू स्वभाव वाले सौरव ने एक बार फिर टीम इंडिया में वापसी की और साल 2008 में क्रिकेट को अलविदा कहा। अपने आखिरी टेस्ट में सौरव ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 85 रन की पारी खेली।

सबसे तेज 8000 और 9000 रन पूरे का रिकार्ड
गांगुली ने वनडे क्रिकेट में सबसे तेज 8000 और 9000 रन पूरे किए। सबसे तेज 7000 रनों का रिकॉर्ड भी गांगुली के नाम ही था। उन्होंने ये रिकार्ड 174 पारियों में पूरा किया था, लेकिन अब 2014 में दक्षिण अफ्रीकी कप्तान एबी डिविलियर्स ने तोड़ डाला। 8000 रनों तक पहुंचने के लिए गांगुली ने 200 और 9000 तक पहुंचने के लिए उन्होंने 228 वनडे पारियां खेली।

गांगुली और सचिन के नाम सबसे ज्यादा रनों की साझेदारी करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड
वनडे क्रिकेट में सौरव गांगुली और सचिन तेंदुलकर के नाम सबसे ज्यादा रनों की साझेदारी करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज है। इन दोनों ने 176 वनडे पारियों में 8227 रनों की साझेदारी की है। यह वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ पाना फिलहाल बहुत मुश्किल नजर आता है।

सबसे ज्यादा सेंचुरी के मामले में दूसरे नंबर पर हैं दादा 
घरेलू मैदान से बाहर सबसे ज्यादा सेंचुरी के मामले में दादा दूसरे नंबर पर हैं। उन्होंने भारत से बाहर 18 सेंचुरी जड़ी हैं। इस मामले में उनसे ऊपर सिर्फ सचिन तेंदुलकर ही हैं। तेंदुलकर ने भारत के बाहर 29 सेंचुरी जड़ी हैं।

मैन ऑफ द मैच रहने के मामले दूसरे भारतीय क्रिकेटर हैं गांगुली
वनडे में सबसे ज्यादा मैन ऑफ द मैच रहने के मामले में सौरव गांगुली सचिन तेंदुलकर के बाद दूसरे भारतीय क्रिकेटर हैं। सचिन तेंदुलकर 62 बार मैन ऑफ द मैच बन चुके हैं जबकि गांगुली को 31 बार मैन ऑफ द मैच चुना गया है।

ऑफ साइड का गॉड' कहा जाता था सौरव को
टीम इंडिया आज क्रिकेट के मैदान पर जिस आक्रामकता का प्रदर्शन करती है उसकी शुरूआत सौरव की कप्तानी के दौरान हई थी। आज दुनिया सौरव को भारत के सबसे कामयाब कप्तानो में से एक के तौर पर जानती है। लेकिन बतौर खिलाड़ी भी सौरव की उपलब्धियां कम नहीं हैं। साल 1997 में सौरव ने कनाडा के शहर टोरंटो में भारत पाकिस्तान के बीच खेले जाने वाले टूर्नामेंट में बेहतरीन आलराउंडर प्रदर्शन करके मैन ऑफ द सीरीज का खिताब अपने नाम किया था। साल 1999 के वर्ल्डकप में सौरव ने श्रीलंका के खिलाफ 183 रन की पारी खेलकर कपिल देव की 175 रन की पारी का रिकॉर्ड भी तोड़ा। उस वक्त यह किसी भी भारतीय बल्लेबाज का वनडे में सर्वश्रेष्ठ स्कोर था। ऑफ साइड में सौरव के शानदार स्ट्रोक प्ले की वजह से कई कमेंटेटर तो उन्हें ‘ ऑफ साइड का भगवान’ भी कहते थे।
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »