मुंबई। बीसीसीआई के सदस्यों की अपनी पिछली एसजीएम में अपनाई गई देरी की रणनीति से बेफिक्र सुप्रीम कोर्ट से नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) शीर्ष अदालत द्वारा दिए गए आदेश को लागू करने के अपने संकल्प के प्रति प्रतिबद्ध है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कुछ खास बिंदुओं पर गौर करने के लिए एसजीएम ने एक समिति गठित करने का फैसला किया। इसके बारे में सीओए के चेयरमैन विनोद राय ने शनिवार को यहां बैठक के बाद कहा, निराश होने या नहीं होने का सवाल ही नहीं है। हमें एक आदेश को पूरा करना है और हम इसे पूरा करने के लिए तैयार हैं, चाहे एसजीएम कैसा भी फैसला करे। उन्होंने कहा, सदस्यों के बीच आम सहमति बना रहे हैं, लेकिन अगर आम सहमति नहीं बनती, तो हमें आदेश को लागू करना होगा। यह बहुत सरल है। चाहे बीसीसीआई सदस्य लागू करते हैं या नहीं उच्चतम न्यायालय के निर्देश हैं कि आदेश लागू करना है और ऐसा होगा। न्यायमूर्ति लोढ़ा समिति की सिफारिशों के आधार पर बीसीसीआई में आमूलचूल बदलाव करने के उच्चतम न्यायालय के 18 जुलाई 2016 के आदेश के संदर्भ में बात कर रहे थे। राय ने कहा कि शीर्ष अदालत में 14 जुलाई को जब इस मसले पर सुनवाई, तो स्थिति रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।
उन्होंने कहा, निश्चित तौर हम स्थिति रिपोर्ट दर्ज करेंगे। अदालत में 14 जुलाई को यह मामला आएगा और हम इसे दर्ज करेंगे। बीसीसीआई वेबसाइट पर भी दिया जाएगा, लेकिन इसमें थोड़ा समय लगेगा, क्योंकि अभी कुछ और जानकारी जुटाना है। राय ने इसके साथ ही कहा कि उनकी समिति का कार्यकाल की समय सीमा पहले की तरह ही तय है और बीसीसीआई के पदाधिकारियों का नया पैनल नए संविधान के अनुसार सितंबर में गठित हो जाएगा। नया संविधान या तो एसजीएम में अपनाया जाएगा या फिर अदालत द्वारा निर्देशित होगा। इसके बाद एजीएम होगी।