नई दिल्ली। अब अगर क्रिकेट मैदान पर खिलाड़ियों ने हिंसा, दुर्व्यवहार या कोई ओझी हरकत की तो अंपायर उन्हें बाहर भेज सकता है। आईसीसी की मुख्य कार्यकारी समिति ने इस हफ्ते लंदन में आयोजित वार्षिक सम्मेलन में भारत के अनिल कुंबले की अगुआई वाले पैनल की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है। आईसीसी ने यह भी फैसला किया है कि अगर बॉलिंग टीम डीआरएस के तहर LBW की अपील करती है और इस दौरान अंपायर का फैसला गलत निकलता है तो उसका डीआरएस बरकरार रहेगा।
डीआरएस का इस्तेमाल अब टी20 क्रिकेट में भी होगा। आईसीसी द्वारा अपनाए जाने वाले कानूनों में अन्य प्रमुख बदलाव इस प्रकार हैं- अब बल्ले की गहराई और कोर को आईसीसी के मुताबिक ही रखा जाएगा। इसके अलावा अगर बल्लेबाज का बल्ला रनिंग करते हुए या डाइव मारते समय क्रीज के अंदर है, लेकिन उठा हुआ है, तब उसे आउट नहीं दिया जाएगा। आईसीसी के ये सारे नियम 1 अक्टूबर से लागू होंगे।