ब्रिजटाउन। साल 2012 और 2016 में विंडीज क्रिकेट टीम को अपनी कप्तानी में आईसीसी टी -20 वर्ल्ड कप चैम्पियन बनाने वाले डैरेन सैमी ने साफ शब्दों में कहा है कि राष्ट्रीय टीम से खेलने के बजाय, तो विदेशी लीग में खेलना अच्छा, क्योंकि इससे खिलाड़ियों की जीविका संचालित होती है।
जानना जरूरी है...
1. खिलाड़ियों और वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड का वेतनवृद्धि को लेकर विवाद पुराने समय से चल रहा है। क्रिस गेल, ड्वेन ब्रावो और खुद डैरेन सैमी बोर्ड की खुले रूप में आलोचना कर चुके हैं, जिसके कारण उन्हें टीम से बाहर किया गया था।
2. वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड खिलाड़ियों को मांग के अनुरूप वेतन भी नहीं देता, ऊपर से उसने नियम बनाया है कि जो खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट में खेलने के बजाय विदेशी लीग में खेलेगा, उसे राष्ट्रीय टीम में जगह नहीं दी जाएगी।
3. इसी वजह से वेस्टइंडीज टीम में सितारा खिलाड़ी नहीं खेलते। इसका नुकसान यह है कि टीम इस बार आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी में क्वालिफाई नहीं कर सकी, क्योंकि उसकी वर्ल्ड रैंकि पहली आठ टीमों में नहीं थी।
4. कैरेबियाई टीम के दिग्गज खिलाड़ी क्रिस गेल, कीरॉन पोलॉर्ड, ड्वेन ब्रावो का भी बोर्ड के साथ केंद्रीय अनुबंध और भुगतान के मुद्दे पर विवाद चल रहा है, जिसके विरोध स्वरूप टीम ने 2014 में भारत दौरे को बीच में ही छोड़ दिया था।
5. आईसीसी विश्वकप 2019 के लिए भी विंडीज टीम पर सीधे क्वालिफाई नहीं कर पाने का खतरा मंडरा रहा है, जिसे 23 जून से भारत के खिलाफ पांच मैचों की वन डे सीरीज में हर हाल में जीत जरूरी है।
कैसे मना कर सकता हूं...
मैं किसी खिलाड़ी को किसी विदेशी लीग में खेलने से कैसे मना कर सकता हूं, जब इसी से उसका परिवार चल रहा है। हमारा आधारभूत ढांचा फिलहाल जैसा है, उससे तो हमारा कुछ भला नहीं होने वाला है। मुझे डर है कि कहीं आयरलैंड और स्कॉटलैंड के खिलाफ हमें रेलीगेशन न झेलना पड़े।
डैरेन सैमी, पूर्व कप्तान
विदेशी लीग में खेलने वाली इंडीज के प्रमुख खिलाड़ी
डैरेन सैमी, किरॉन पोलॉर्ड, डैरेन ब्रावो, ड्वेन ब्रावो, क्रिस गेल, सैमुअल बद्री, ड्वेन स्मिथ, लैंडल सिमंस, निकोलस पोरन।