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सचिन तेंदुलकर ने खोला राज, कहा- आज भी है इस बात का गहरा अफसोस

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 24 2017 9:49AM | Updated Date: May 24 2017 12:04PM
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नई दिल्ली। क्रिकेट के बेताज बादशाह सचिन तेंदुलकर को आज भी इस बात का गहरा अफसोस है कि वह 1996 और 2003 में विश्व कप ट्रॉफी नहीं जीत पाए, हालांकि ट्रॉफी उठाने का उनका यह सपना 2011 में पूरा हो गया था। सचिन अपने जीवन पर बनी फिल्म (सचिन: ए बिलियन ड्रीम्स) के प्रचार में लगे हैं। उन्होंने खुलकर बात की। 
 
आज क्रिकेट के प्रति दृष्टिकोण बदल गया है...
मुझे इस बात का अब भी अफसोस है कि मैं 1996 और 2003 दोनों बार ट्रॉफी नहीं उठा पाया। जब भी आप किसी टूर्नामेंट में उतरते हैं खास तौर पर विश्वस्तर के, तो आप यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आप ट्रॉफी उठाएं। कुछ ही बार आप ऐसा कर पाते हैं। वास्तव में कुछ टीमों ने दो या उससे ज्यादा बार ऐसा किया हैं वेस्टइंडीज और आॅस्ट्रेलिया ने यह करिश्मा किया।
 
भारत ने भी 2011 में दूसरी बार यह ट्रॉफी उठाई, लेकिन मुझे लगता है कि यदि हमें 2003 का फाइनल आज खेलने दिए जाएं, तो खिलाड़ियों का मैच के प्रति दृष्टिकोण ही कुछ अलग होगा। हम सभी उस मैच में पहले ही ओवर से उत्साहित थे। वह एक बड़ा क्षण था।
 
यदि उन खिलाड़ियों को एक और मौका दिया, तो उनका मैच के प्रति अंदाज ही अलग होगा, क्योंकि ट्वेंटी -20 के आगमन से खेल के प्रति नजरिया बिल्कुल बदल चुका है। उस समय 358 का स्कोर एवरेस्टनुमा दिखाई देता था। आज भी यह वैसा ही स्कोर होगा, लेकिन 2003 के मुकाबले अब यह उतना मुश्किल नहीं लगेगा। अब 434 का भी पीछा किया जाता है।
 
हमने भी कई बार तीन विकेट पर 325 रन बना रखे हैं। यह सब इस कारण हैं कि फॉर्मेट बदला है, नियम भी कुछ बदले हैं और परिस्थितियां भी बदली है। मुझे लगता है कि ट्वेंटी -20 के आने से सोच भी बदल गई है। अब खिलाड़ी बड़े लक्ष्य के सामने घबराते नहीं है, इसलिए मैं कह रहा हूं कि अब हमारा दृष्टिकोण अलग होता। 
सचिन तेंदुलकर 
 
सावधानी से खेलना है...
सचिन ने 2011 विश्व कप फाइनल में विराट कोहली को बताया था कि बॉल अब भी घूम रही है। ओस मौजूद है और बॉल कुछ रुककर स्विंग ले रही है। मैं उन्हें यही बताना चाहता था कि बॉल स्विंग ले रही है और उन्हें सावधानी से खेलना है।
 
राज भाई की बड़ी भूमिका
सचिन ने कहा, मुझे अपने कॅरियर की शुरुआत में 1989 के वेस्टइंडीज दौरे के लिए नहीं चुने जाने की निराशा हुई थी। मुझे पूरी तरह याद है कि वानखेड़े स्टेडियम में राज भाई (राजसिंह डूंगरपुर) मेरे पास आए। वह उस समय चयन समिति के अध्यक्ष थे। उस समय हम दिल्ली के खिलाफ रणजी सेमीफाइनल खेल रहे थे। मेरा सुबह नेट सत्र था।
 
मुझे याद है कि राज भाई सुबह मेरे पास आए और मुझसे कहा, सचिन तुम रणजी ट्रॉफी के बाद अपनी एसएससी परीक्षा पर ध्यान केंद्रित करो। तुम भारत के लिए खेलोगे, लेकिन तुम वेस्टइंडीज नहीं जा रहे हो। राज भाई ने हमेशा मेरा समर्थन किया था और इंग्लैंड के मेरे पहले दौरे के लिए उन्होंने प्रायोजक भी जुटाया था। उनका मानना था कि मैं इंग्लैंड दौरे में काफी कुछ सीख सकता हूं। मेरे कॅरियर में उनकी बड़ी भूमिका रही थी।
 
नर्वस महसूस करता हूं...
टॉम आॅल्टर के साथ अपने पहले साक्षात्कार के दौरान में नर्वस था। आज भी मैं साक्षात्कार के दौरान नर्वस महसूस करता हूं। तब मेरे लिए वह नई बात थी। यह साक्षात्कार उस समय हुआ था, जब मैं कपिल जैसे दिग्गज खिलाड़ी के खिलाफ बल्लेबाजी करने के लिए भारत के नेट्स पर आमंत्रित किया गया था। दिलीप वेंगसरकर सर ने मुझे आमंत्रित किया था और टॉम ने मुझसे कपिल देव के बारे में पूछा कि उनका सामना करना कैसा लगता है। मेरा जवाब था कि वह भी अच्छे हैं।
 
दरअसल, उससे पहले उन्होंने मुझसे पूछा था कि मैं तेज गेंदबाजी पसंद करता हूं या स्पिन गेंदबाजी। मैंने कहा था कि मैं तेज गेंदबाजी पसंद करता हूं, क्योंकि गेंद सीधे बल्ले पर आती है और उसपर प्रहार करना आसान होता है। इसके बाद उन्होंने कपिल को खेलने के बारे में सवाल किया था, तो मैंने कहा था कि वह भी अच्छे हैं।
 
गुरु आचरेकर भी आ रहे हैं...
अपने क्रिकेट कॅरियर में अनगिनत विश्व रिकॉर्ड अपने नाम रखने वाले सचिन ने अपनी फिल्म के बॉक्स आॅफिस कलेक्शन के बारे में पूछे जाने पर कहा, मुझसे पूछा गया कि आप अपनी फिल्म 20-25 बार देख चुके हैं। बाहुबली और दंगल ऐसी फिल्में हैं, जो इस दौरान आईं जिनका बॉक्स आॅफिस कलेक्शन जबर्दस्त रहा। इस पर सचिन ने कहा, मैं नहीं जानता कि उनमें कितने जीरो लगे हैं। पाकिस्तान में उनकी फिल्म रिलीज होने के सवाल पर सचिन ने कहा, मुझे वितरकों से देखना होगा कि वह क्या करने जा रहे हैं। मैं ताजा घटनाक्रम को देखते हुए अभी कुछ कह नहीं सकता।
 
अपने गुरू रमाकांत आचरेकर के साथ फिल्म देखने के सवाल पर सचिन ने कहा, वह बुधवार को भारतीय टीम के साथ आ रहे हैं। उनके बिना कुछ भी संभव नहीं है। फिल्म में अपने निजी जिंदगी के लिए सचिन ने कहा, मेरे परिवार के सदस्य इस पर बात कर रहे हैं। मेरी पत्नी बात कर रही है और आपको मेरे जीवन के बारे में काफी कुछ देखने को मिलेगा। जब आप थियेटर से बाहर निकलेंगे, तो आप यही सोचेंगे कि मैंने इन चीजों की कल्पना ही नहीं की थी।  
 
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