मुंबई। आखिरकार लंबे गतिरोध के बाद यह तय हो गया है कि चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम खेलेगी। इसके लिए 8 मई को टीम इंडिया की घोषणा की जाएगी। विराट कोहली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए टीम चयन बैठक से जुड़ेंगे। ऐसा माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित प्रशासकों की समिति (सीओए) के दबाव डालने पर बीसीआई टीम चयन के लिए तैयार हुआ है।
बता दें कि आईसीसी ने बीसीसीआई को 25 अप्रैल तक चयनित टीम की लिस्ट भेजने की कही थी, लेकिन बहस के चलते ऐसा नहीं हुआ। दरअसल, आईसीसी की ओर से आए नए नियमों के बाद यह बहस लंबे समय से चलती आ रही है। बता दें कि इस नियम के मुताबिक किसी भी आईसीसी टूर्नामेंट में होने वाली कमाई में भारत की हिस्सेदारी और आधिकारिक ताकतों को सीमित करने का प्रावधान है।
भले ही बीसीआई इसे मानने को तैयार नहीं है, लेकिन ये जरूर साफ हो गया है कि 1 जून से शुरू हो रहे टूर्नामेंट में भारत जरूर हिस्सा लेगा। भारत की पहली भिड़ंत पाकिस्तान से 4 जून को होगी। इससे पहले बीसीसीआई ने आईसीसी को चेताया था कि अगर ये नियम उनके खिलाफ जाता है तो वे इस टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लेंगे।
बिग थ्री फॉर्मूले पर छिड़ी है बहस
दरअसल ये पूरी कहानी 'बिग थ्री' फॉर्मूले के खिलाफ बहस शुरू हुई थी। बिग थ्री के मुताबिक भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को आईसीसी के राजस्व का बड़ा हिस्सा मिलता है। इस मॉडल पर सहमति के लिए बोर्ड के एक तिहाई सदस्यों की रजामंदी चाहिए होती है। आईसीसी के चेयरमैन शशांक मनोहर ने बीसीसीआई को चेताया था कि अगर वह नहीं माना तो अकेला पड़ जाएगा और इसका भारी नुकसान होगा।