नई दिल्ली। टीम इंडिया के दो खिलाड़ी ऐसे हैं जो क्रिकेट के मैदान पर हमेशा गुस्से में नजर आते हैं। हम बात कर रहे हैं आइपीएल में कोलकाता के कप्तान गौतम गंभीर और बैंगलोर के कप्तान विराट कोहली की। इन दोनों में कई समानताएं हैं। दोनों खिलाड़ी अपनी बेहतरीन नेतृत्व क्षमता और नए प्रयोगों के लिए जाने जाते हैं, दोनों मैदान पर काफी अग्रेसिव रहते हैं और कई बार अपशब्दों और गालियों का प्रयोग भी करते हैं। इसके अलावा एक और अहम समानता है कि ये दोनों खिलाड़ी मूल रूप से दिल्ली के हैं।
गौतम गंभीर का एक इंटरव्यू सामने आया है जिसमें उन्होंने विराट कोहली को भी लपेट लिया है। इंटरव्यू आईपीएल के शो 'नाइट क्लब' में हुआ है। गौतम गंभीर ने एक इंटरव्यू में यह खुलासा किया है कि वह और विराट कोहली मैदान पर इतने अग्रेसिव क्यों रहते हैं और इतनी गाली क्यों देते हैं। यह इंटरव्यू उन्होंने रविवार को अपने मैच से पहले दिया था।
गंभीर ने इस इंटरव्यू में यह स्वीकार किया है कि दिल्ली के खिलाड़ी ज्यादा गाली देते हैं। गंभीर से जब पूछा गया कि दिल्ली के खिलाड़ी मैदान पर इतनी गाली क्यों देते हैं तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि दिल्ली के खिलाड़ी मैदान पर अग्रेसिव रहने के लिए इस तरह का व्यवहार करते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि यह व्यवहार वह कहीं से सीखते नहीं, बल्कि यह दिल्ली का कल्चर है, जो उनमें अपने आप आ जाता है। गंभीर ने इंटरव्यू लेने वाले जतिन सप्रू से कहा- दिल्ली के खिलाड़ियों में यह चीज स्वभाविक रूप से आ जाती है। आप कह सकते हैं कि यह दिल्ली की संस्कृति है। मैं तो बस इतना ही कह सकता हूं कि इससे आपका फोकस खेल पर रहता है और इससे आप खेल में अच्छी प्रतिस्पर्धा करते हैं।
गंभीर ने कहा कि मैदान की इन चीजों को व्यक्तिगत रूप से नहीं लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर यह चीज सिर्फ मैदान तक ही सीमित है तो सही है और मैदान की बात मैदान पर ही छोड़ दी जानी चाहिए। गंभीर ने आगे कहा- आपको यह ध्यान में रखना पड़ता है कि कहीं आप लाइन क्रॉस तो नहीं कर रहे हैं और आपको यह भी नहीं भूलना चाहिए कि आपको मैदान के बाहर लाखों लोग देख रहे हैं। इसलिए आपको थोड़ा सावधान रहना चाहिए। गंभीर और कोहली IPL 2013 में आपस में भी एक-दूसरे से मैदान पर ही लड़ गए थे।
गंभीर ने स्वीकार किया कि उन्हें ऐसे व्यवहार के बाद अपने परिजनों के सामने जाने में शर्म आती है। इस बल्लेबाज ने कहा कि मैदान पर खिलाड़ियों को अपनी भावनाओं पर काबू रखना चाहिए, क्योंकि एक मैच को लाखों-करोड़ों लोग देखते हैं और इनमें से आप कई लोगों के आदर्श भी होते हैं।