धर्मशाला। धर्मशाला में भारत ने मैच जीतने के साथ-साथ सीरीज भी जीत ली है। भारतीय सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल 51 और अजिंक्य रहाणे ने 38 रन बनाए। भारत ने 2 विकेट खोकर यह मैच जीता। मुरली विजय (8) के रूप में भारत को शुरुआती झटका लगा। विजय को पैट कमिंस ने विकेट कीपर वैड के हाथों कैच करवाया। विजय के आउट होने के बाद क्रीज पर आए चेतेश्वर पुजारा बिना खाता खोले रन आउट हो गए।
भारत को जीत के लिए दूसरी इनिंग में 106 रन का टारगेट मिला था, जिसे उसने 2 विकेट खोकर टीम इंडिया ने आसानी से हासिल कर लिया। वैसे तो हर खिलाड़ी का टीम की इस जीत में योगदान रहा लेकिन ये 5 खिलाड़ी इस सीरीज के बने 'हीरो' बने।
रवींद्र जडेजा
इस सीरीज में टीम इंडिया के स्टार खिलाड़ी रवींद्र जडेजा ने दोहरा प्रदर्शन किया। जडेजा ने गेंद के साथ अपने बल्ले से भी काफी कमाल किया। इसी कारण वह मैन ऑफ द सीरीज बने। धर्मशाला टेस्ट में भी शानदार परफॉर्मेंस के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच का अवॉर्ड मिला। जडेजा ने सीरीज में दो अर्धशतक बनाकर 127 रन बनाए और इसके साथ ही 18.56 के औसत से सर्वाधिक 25 विकेट भी हासिल किए। बता दें जडेजा टैस्ट रैकिंग में टॉप पर हैं।
चेतेश्वर पुजारा
टीम इंडिया की 'दीवार' माने जाने वाले चेतेश्वर पुजारा इस सीरीज में दोहरा शतक लगाने वाले एकमात्र खिलाड़ी रहे। इन्होंने 57.85 की औसत से सबसे ज्यादा 405 रन बनाए जिसमें 202 रन उनका सर्वोच्च स्कोर रहा। पुजारा ने सीरीज में दो अर्धशतक भी बनाए।
आर. अश्विन
आर. अश्विन टीम ने अपनी अच्छी गेंदबाजी के दम पर कंगारू बल्लेबाजों का रास्ता काफी मुश्किल कर दिया था। उन्होंने सीरीज में 21 विकेट (औसत 27.38 ) हासिल किए। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 41 रन देकर 6 विकेट रहा।
लोकेश राहुल
टीम इंडिया के बल्लेबाज राहुल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में उन्होंने 65.50 के औसत से 393 रन बनाए, जिसमें 6 अर्धशतक शामिल है। दिलचस्प बात तो ये हैं कि राहुल के बल्ले से ये रन तब आए जब टीम को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी। बेंगलुरू टेस्ट में तो वे मैन ऑफ द मैच रहे।
उमेश यादव
तेज गेंदबाज उमेश यादव सीरीज के चार मैचों में उन्होंने 398 रन देकर 17-17 विकेट (औसत 23.41 )हासिल किए। भारत के स्पिन गेंदबाजों के मददगार विकेटों पर इस प्रदर्शन को कम करके नहीं आंका जाना चाहिए। किसी भी सीरीज में यह उमेश का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हैं।