नई दिल्ली। क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी के बहाने आधार का प्रचार करने में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और इसी विभाग के मंत्री रविशंकर प्रसाद से बड़ी चूक हो गई। इस गलती पर एमएस धोनी की पत्नी साक्षी धोनी ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद से ट्विटर के जरिए सवाल पूछे हैं। साक्षी ने आईटी मिनिस्ट्री पर धोनी के आधार से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक करने का आरोप भी लगाया है। मामले के तूल पकड़ने पर रविशंकर प्रसाद ने तत्काल साक्षी की शिकायत पर एक्शन लिया और आईटी मिनिस्ट्री से जुड़े एक ट्विटर हैंडल से धोनी के आधार से जुड़ी जानकारी हटवा दी।
क्या था पूरा मामला
केंद्र सरकार इन दिनों आधार देश के हर नागरिक को आधार से जोड़ने की योजना पर काम कर रही है। इस वजह से आधार से लोगों को जोड़ने के लिए बड़े स्तर पर इसका प्रचार किया जा रहा है। इसी कड़ी में मंगलवार को आईटी मिनिस्ट्री से जुड़े लोग महेंद्र सिंह धोनी के घर पर जाकर उनके आधार के लिए डिटेल जुटा रहे थे। धोनी के बहाने आधार के प्रचार के लिए आईटी मिनिस्ट्री से जुड़े एक ट्विटर हैंडल से पूरी प्रकिया की तस्वीरें ट्वीट की गई। इसी दौरान गलती से महेंद्र सिंह धोनी की ओर से आधार के लिए भरे गए फॉर्म को भी ट्वीट कर दिया गया। उस ट्वीट को रविशंकर प्रसाद ने अपने डिपार्टमेंट का बेहतर काम बताते हुए रीट्वीट कर दिया।
धोनी की पत्नी साक्षी ने इसे तत्काल नोटिस किया और रविशंकर प्रसाद को ट्वीट करते हुए पूछा कि प्राइवेसी नाम की कोई चीज है या नहीं?
साक्षी की शिकायत पर रविशंकर प्रसाद ने तत्काल जवाब दिया कि नहीं, यह कोई सार्वजनिक संपत्ति नहीं है। क्या यह ट्वीट किसी भी व्यक्तिगत जानकारी का खुलासा करता है? जिस पर साक्षी ने कहा कि फॉर्म में भरी व्यक्तिगत जानकारी लीक हो गई हैं।
मालूम हो कि आधार की सुरक्षा और इससे जुड़े मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हो रही है। कुछ लोग आधार से प्राइवेसी को खतरा भी बता रहे हैं।
वहीं केंद्र सरकार ने कहा है कि आधार कार्ड के अलावा अन्य पहचान पत्र भी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं।