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इस घटना से बेहद दुखी थे सचिन, नहीं निकले थे दो दिन तक होटल से बाहर

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 24 2017 10:20AM | Updated Date: Mar 24 2017 6:29PM
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नई दिल्ली। विश्व कप क्रिकेट 2007 में भारतीय टीम बड़े दावेदार के रूप में उतरी थी लेकिन बांग्लादेश और श्रीलंका के हाथों हारकर उसे पहले ही राउंड में बाहर होना पड़ा था। इस बात का दुख कई खिलाड़ियों को आज तक सालता है। इनमें से एक सचिन तेंडुलकर भी थे जिन्होंने इसके बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास तक लेने का फैसला कर लिया था। एक अंग्रेजी अखबार को दिए साक्षात्कार में सचिन ने कहा वह इस घटना से बेहद दुखी थे। वह दो दिन तक वेस्ट इंडीज के उस होटल से बाहर नहीं निकले थे। सचिन ने कहा कि वह इस बात पर भी विचार करने लगे थे कि उन्हें आगे खेलते रहना चाहिए या नहीं।
 
बांग्लादेश और श्रीलंका से मिली थी हार
सचिन ने कहा, हम हार के बाद दो दिन बाद तक वेस्ट इंडीज के होटल में थे। मेरा कुछ भी करने का मूड नहीं था। हमारे लिए इस घटना से बाहर निकलकर अगले टूर्नमेंट के लिए तैयारी करना बेहद मुश्किल था। भारत को टूर्नामेंट के पहले ही मुकाबले में बांग्लादेश के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। भारत को बरमूडा के खिलाफ तो जीत मिली थी लेकिन श्रीलंका के खिलाफ हारते ही फाइनल स्टेज में पहुंचने की उसकी उम्मीद 23 मार्च 2007 को समाप्त हो गई थीं और उसे टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा था। सचिन ने कहा, मैं आज के दिन (23 मार्च 2007) को अपने क्रिकेट कॅरियर का सबसे बुरा दिन मानता हूं।
 
2007 का वर्ल्ड कप हमारे लिए अच्छा नहीं रहा था। जब आपको लगता है कि आप जीत सकते हैं, लेकिन आप हार जाते हैं तो बुरा लगना लाजमी है। फिर चाहे वह जोहांसबर्ग टेस्ट (1997) हो या फिर 1997 का ही वेस्ट इंडीज के खिलाफ खेला गया बारबेडोस टेस्ट हो जिसमें मैं कप्तान था। या फिर श्रीलंका के खिलाफ 1996 वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल हो।
 
रिचर्ड्स ने संन्यास लेने से रोका था
वैसे 23 मार्च के साथ वर्ल्ड कप को लेकर भारतीय क्रिकेट की एक और बुरी याद जुड़ी हुई है। 2007 में भारत जहां पहले ही दौर में बाहर हो गया था वहीं 2003 वर्ल्ड कप का फाइनल भी इसी तारीख को खेला गया था। भारत को इस मैच में 125 रनों से हार का सामना करना पड़ा था। 2007 वर्ल्ड कप से बाहर होने के बाद जब सचिन रिटायर होने की सोच रहे थे तब वेस्ट इंडीज के सर विव रिचर्ड्स ने उन्हें ऐसा करने से रोका था। उन्होंने सचिन को समझाया था कि यह क्रिकेट का हिस्सा है और उनमें अभी काफी क्रिकेट बाकी है।
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