रांची। रांची में खेले जा रहे भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरे टेस्ट मैच के दौरान दो दिग्गज पहली बार जब आमने-सामने हुए तो उनकी आंखें छलक पड़ीं। झारखंड के पूर्व अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी गोपाल भेंगरा की महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर से मिलने की कई सालों की हसरत थी जो रविवार को पूरी हुई।
गोपाल भेंगरा वही खिलाड़ी हैं, जिनकी आर्थिक मदद सुनील गावसकर पिछले 16 सालों से कर रहे हैं। भेंगरा ने 1978 में ब्यूनस आयर्स में खेले गए तीसरे हॉकी वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया था। उन्हें जब पता चला कि गावसकर रांची आए हैं, तो वे उनसे मिलने और शुक्रिया अदा करने स्टेडियम पहुंच गए। झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अजय नाथ शाहदेव ने भेंगरा को अतिथि बनाकर गावसकर से मिलने की उनकी इच्छा को पूरा किया। भेंगरा पहली बार गावसकर से मिले।
झारखंड के खूंटी जिला के तोरपा प्रखंड के उचुर गांव के रहने वाले भेंगरा साल 1975 से 1985 तक देश के लिए हॉकी खेलते थे। पश्चिम बंगाल राज्य हॉकी टीम के कप्तान भेंगरा ने वर्ष 1986 में शारीरीक कारणों से हॉकी खेलना छोड़ दिया था और गांव लौट गए थे। सेना में नौकरी करने के बावजूद भी किसी कारणवश भेंगरा को पेंशन नहीं मिली।
वर्ष 2000 में एक पत्रिका में खबर प्रकाशित हुई कि भेंगरा जीविकोपार्जन के लिए पत्थर तोड़ने का काम कर रहे हैं। गावस्कर को तब यह जानकारी मिली तो उन्होंने भेंगरा को मदद करने की ठान ली। गावस्कर की कंपनी प्रोफेशनल मैनेजमेंट ग्रुप भेंगरा समेत अन्य अभावग्रस्त खिलाड़ियों को मदद कर रही है।
भेंगरा को जब यह पता चला कि गावस्कर भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरे टेस्ट मैच की कमेंट्री करने के लिए रांची आए हैं तो वह गावस्कर से मिलने और उन्हें धन्यवाद देने के लिए यहां जेएससीए स्टेडियम पहुंचे।
झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अजय नाथ शाहदेव ने भेंगरा को अपना अतिथि बनाकर जेएससीए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम बुलाया और गावस्कर से मिलने की उनकी इच्छा को पूरा किया। भेंगरा ने शाहदेव को भी शुक्रिया अदा किया। भेंगरा ने भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट मैच का भी आनंद उठाया।