बेंगलुरू। बेंगलुरू में खेले गए भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरे टेस्ट मैच के दौरान कुछ देर के लिए गरमागरमी का माहौल बन गया। ये गरमागरमी दोनों टीम के कप्तानों के बीच हुई, जिससे अंपायर ने शांत करवा दिया। दरअसल, ऑस्ट्रेलियाई की दूसरी पारी के 21वें ओवर में जब उमेश यादव की गेंद पर स्टीव स्मिथ को अंपायर ने एलबीडब्ल्यू करार दिया तो स्मिथ इस बात को लेकर असमंजस में दिखे। स्मिथ समझ नहीं पा रहे थे कि वे इस फैसले पर DRS की मदद लें अथवा नहीं।
ऑस्ट्रेलिया बेहद स्थिति में लग रहा था कि अचानक उमेश यादव को लाया गया। उन्होंने बेहतरीन गेंदबाजी शुरू की। उनकी एक गेंद बिल्कुल नहीं उठी और स्टीव स्मिथ के पैड पर लगी। अंपायर नाइजल लॉन्ग ने उंगली उठाई। इसी समय स्मिथ पिच पर आगे गए और साथी खिलाड़ी पीटर हैंड्सकॉम्ब से बात करने लगे। हैंड्सकॉम्ब शायद तय नहीं कर पाए रहे थे कि स्मिथ को डीआरएस लेना चाहिए या नहीं।
इसी दौरान स्मिथ ने ड्रेसिंग रूम की तरफ देखा और मदद मांगी। डीआरएस के नियम 3.2 के मुताबिक अगर बल्लेबाज को रिव्यू लेना है, तो वो सिर्फ अपने साथी बल्लेबाज से सलाह कर सकता है। स्मिथ ने जैसे ही ड्रेसिंग रूम की तरफ देखा, अंपायर नाइजल लॉन्ग उनकी तरफ मना करते हुए बढ़े। इसी वक्त नाराज विराट कोहली भी मुकाबले में कूद गए।
कोहली बेहद नाराज थे। वह अंपायर की तरफ बढ़े। इस बीच लॉन्ग ने स्मिथ को बताया कि वो ड्रेसिंग रूम की तरफ इशारा नहीं कर सकते़। इसके बाद स्मिथ पेवेलियन की तरफ बढ़ गए। उनके जाने के बाद भी कोहली बेहद नाराज दिखाई दिए।
जिस समय घटना हुई, उस वक्त कमेंटरी कर रहे ऑस्ट्रेलियन कमेंटेटर ने कहा कि शायद स्मिथ को नियम का अंदाजा नहीं था। लेकिन भारतीय कमेंटेटर सुनील गावस्कर और वीवीएस लक्ष्मण को लगता है कि स्मिथ को इसके लिए सजा देनी चाहिए। गावस्कर ने कहा- मैं इसे बेईमानी कहूंगा। मैच रेफरी को इस पर ऐसी सजा देनी चाहिए कि एक नजीर कायम हो।
गावस्कर और लक्ष्मण इस बात से ज्यादा नाराज थे कि किसी कप्तान ने ये नहीं किया। उनका कहना था कि अगर टीम का कोई और खिलाड़ी होता तो शायद बेनेफिट ऑफ डाउट दिया जा सकता था। लेकिन कप्तान के साथ ऐसा किसी भी हालत में नहीं होना चाहिए। वाकई, किसी टीम के कप्तान को नियम न मालूम हो, ऐसा मुश्किल ही है।