नई दिल्ली। झूठा हलफनामा दाखिल करने के आरोप में कोर्ट की अवमानना नोटिस का सामना कर रहे BCCI के पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी। लेकिन कोर्ट ने अभी उन्हें माफी नहीं दी और 17 अप्रैल को अगली सुनवाई होगी।
कोर्ट में ठाकुर ने कहा कि उनकी मंशा कभी भी कोई झूठी जानकारी कोर्ट को देने की नहीं थी और उन्होंने एक हलफनामा दाखिल किया जिसमें उन परिस्थितियों का जिक्र किया जिनके तहत उनके कथन के कारण अवमानना कार्यवाही शुरू की गयी।
जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष ठाकुर की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पी एस पटवालिया ने कहा, मैंने बिना शर्त माफी मांगी है और मैंने परिस्थितियों को बयां किया है। मेरा इरादा कोई भी गलत जानकारी दाखिल करने का नहीं था।
पीठ ने इस हलफनामे के अवलोकन के बाद मामले की सुनवाई 17 अप्रैल के लिए स्थगित कर दी और अनुराग ठाकुर को भी उस दिन व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट दे दी।
बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने दो जनवरी को BCCI के अडियल रवैये पर कडा रूख अपनाते हुऐ अनुराग ठाकुर और अजय शिर्के को प्रशासन में व्यापक बदलाव के उसके निर्देशों का पालन करने में ‘व्यवधान’ पैदा करने तथा लटकाने के कारण अध्यक्ष तथा सचिव पद से हटा दिया था।
पीठ ने स्वायत्ता के मुद्दे पर आईसीसी को पत्र लिखने के बारे में झूठा हलफनामा दाखिल करने के कारण ठाकुर के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही का नोटिस जारी कर दिया था।