नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों टेस्ट, वनडे और ट्वंटी-20 में अब एक समान अंपायर निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) के उपयोग को अपनी हरी झंडी दे दी है जो अक्टूबर माह से प्रभावी होगा।
आईसीसी की दुबई में हुई दो दिवसीय कार्यकारी अधिकारियों की बैठक में इन प्रस्तावों पर चर्चा के बाद इन्हें मंजूरी दे दी गई है। साथ ही यह पहला मौका होगा जब वेस्टइंडीज में 2018 में होने वाले आईसीसी ट्वंटी-20 महिला विश्वकप टूर्नामेंट में भी डीआरएस का उपयोग किया जाएगा जहां प्रत्येक टीम को एक समीक्षा का मौका दिया जाएगा।
गत सप्ताह हुई इस बैठक में इस बात का भी प्रस्ताव रखा गया कि द्विपक्षीय सीरीज में भी आईसीसी ही डीआरएस का खर्चा वहन करेगी जिससे सदस्य बोर्डों पर वित्तीय बोझ कम होगा। वैश्विक संस्था की मई में होने वाली क्रिकेट समिति की बैठक में इससे जुड़े और विस्तृत प्रस्ताव रखे जाएंगे और फिर जून में लंदन में होने वाली सालाना बैठक में इस पर अंतिम मुहर लगेगी।
आईसीसी ने साफ किया है कि जो भी संस्थान डीआरएस तकनीक मुहैया कराएंगे उन्हें पहले मैसाचुसेट्स तकनीक संस्थान(एमआईटी) से पहले इसकी जांच और सहमति हासिल करना भी अनिवार्य होगा और उसके बाद ही मैचों में इसका उपयोग होगा। गत वर्ष डीआरएस में उपयोग की जाने वाली तकनीक हॉकआई, हॉट स्पाट, अल्ट्रा एज, रियल टाइम स्रिको की भी एमआईटी में जांच कराई गई थी।