इंदौर। गुजरात ने पहली बार रणजी ट्रॉफी खिताब जीतते हुए इतिहास रच दिया। गुजरात ने उसी इंदौर शहर में रणजी ट्रॉफी खिताब जीता, जहां 66 साल पहले फाइनल मुकाबले में उसे हार का सामना करना पड़ा था। गुजरात ने फाइनल मुकाबले में मुंबई को पांच विकेट से हरा दिया।
गुजरात की टीम दूसरी बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंची थी। 66 साल पहले फाइनल में गुजरात को होलकर टीम के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। कप्तान पार्थिव पटेल (143) के शानदार शतक और मनप्रीत जुनेजा (54) के बेहतरीन अर्धशतक के दम पर गुजरात ने मुंबई को फाइनल में पांचवे और अंतिम दिन शनिवार को पांच विकेट से हराकर पहली बार रणजी चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। गुजरात के बल्लेबाजों ने 312 रन के लक्ष्य का बखूबी पीछा करते हुए मुंबई की 42वें रणजी खिताब जीतने की उम्मीदों को ध्वस्त कर दिया।
गुजरात ने पहली बार रणजी फाइनल में जगह बनाई थी और उसने इतिहास रचते हुए पहली बार इस खिताब को अपने नाम किया। गुजरात को खिताब के लिये मात्र ड्रा की जरूरत थी क्योंकि उसे पहली पारी के आधार पर 100 रन की बढ़त हासिल थी लेकिन उसके बल्लेबाजों ने मुंबई की चुनौती को स्वीकार करते हुए शानदार अंदाज में बल्लेबाजी करते हुए जीत अपने नाम की। गुजरात ने 89.5 ओवर में पांच विकेट के नुकसान पर 313 रन बनाकर जीत हासिल की।