मुंबई। टीम इंडिया ने इग्लैंड को चौथे टेस्ट में पारी और 36 रन से मात देकर मुंबई की जमीं पर इतिहास रच दिया है। इसी के साथ भारत 5 मैचों की सीरीज में 3-0 से आगे हो गया और सीरीज पर भी कब्जा कर लिया। अश्विन ने दोनों पारियों में 6-6 विकेट लिए, विराट की कप्तानी में भारत ने लगातार 5 सीरीज जीतीं। विराट कोहली को मैन ऑफ द मैच चुना गया है।
अश्विन की शानदार गेंदबाजी
पांचवें और अंतिम दिन इंग्लैंड की टीम रविवार के स्कोर में महज 13 रन जोड़कर 195 रन पर ही सिमट गई। वह टीम इंडिया की पहली पारी की 231 रन की बढ़त को भी पार नहीं कर पाई। गेंदबाजी में टीम इंडिया के स्टार आर अश्विन रहे, जिन्होंने ने 6 विकेट झटके, वहीं रवींद्र जडेजा ने दो विकेट, तो शतकवीर जयंत यादव और भुवनेश्वर कुमार ने एक-एक विकेट लिया।
2008 के बाद पहली बार सीरीज हारा इंग्लैंड
टीम इंडिया ने इंग्लैंड के खिलाफ 2008 के बाद पहली बार टेस्ट सीरीज जीती है, वहीं विराट कोहली की कप्तानी में उसने लगातार पांचवीं सीरीज पर कब्जा जमा लिया है। 2012 में हम अपने घर में और 2014 में इंग्लैंड में सीरीज गंवा बैठे थे। टेस्ट इतिहास को देखें, तो टीम इंडिया ने 84 साल बाद लगातार पांच टेस्ट सीरीज जीती है।
विराट और जयंत ने रचा इतिहास
मुंबई टेस्ट मैच के चौथे दिन कप्तान विराट कोहली और जयंत यादव ने इतिहास रचा। कोहली ने शानदार 235 रनों की पारी खेली। अपने टेस्ट करियर का तीसरा दोहरा शतक लगाया। इसके अलावा युवा खिलाड़ी जयंत यादव ने बेहतरीन 104 रनों की पारी खेली। उन्होंने अपने करियर का पहला शतक लगाया।
टूटा 20 साल पुराना रिकॉर्ड
कप्तान कोहली और ऑलराउंडर जयंत यादव ने आठवें विकेट की साझेदारी का 20 साल पुराना भारतीय रिकॉर्ड तोड़ा। इन दोनों के बीच आठवें विकेट के लिए 241 रनों की साझेदारी हुई। उन्होंने 1996-97 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मोहम्मद अजहरुद्दीन और मौजूदा हेड कोच अनिल कुंबले के बीच 161 रनों की साझेदारी का रिकॉर्ड तोड़ा। आठवें विकेट के लिए साझेदारी का वर्ल्ड रिकॉर्ड इयान ट्रॉट और स्टुवर्ट ब्रॉड के बीच है। इन दोनों ने 2010 में पाकिस्तान के खिलाफ लॉर्ड्स में 332 रनों की साझेदारी निभाई थी।
500 से ज्यादा टेस्ट रन बनाने वाले दूसरे भारतीय बल्लेबाज
विराट कोहली अपनी दोहरे शतक की पारी के दौरान एक सीरीज में 500 से अधिक टेस्ट रन बनाने वाले दूसरे भारतीय कप्तान बने। उनसे पहले यह कारनामा सुनील गावस्कर दो बार कर चुके हैं। 1978-79 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 732 रन और 1981-82 में इंग्लैंड के खिलाफ 500 रन। कोहली से पहले केवल दो भारतीय कप्तानों ने एक कैलेंडर साल में 1000 से अधिक टेस्ट रन बनाए हैं। सचिन तेंदुलकर ने 1997 में जबकि राहुल द्रविड़ ने 2006 में यह कारमाना किया था।
विजय और कोहली की 'विराट' बल्लेबाजी
चौथे टेस्ट मैच के तीसरे दिन भारतीय टीम की शुरुआत बेहद खराब रही। चेतेश्वर पुजारा दूसरी ही गेंद पर अपना विकेट दे बैठे। पुजारा और विजय के बीच 107 रन की साझेदारी हुई। इसके बाद कप्तान कोहली मैदान पर उतरे और उन्होंने अपने फैंस को निराश नहीं किया और जबरदस्त बल्लेबाजी की।
विराट कोहली 147 और मुरली विजय ने 136 रनों की बेहतरीन पारी खेली। कोहली ने अपने टेस्ट करियर का 15वां शतक लगाया और मुरली विजय ने आठवां शतक ठोका। दोनों के बीच तीसरे विकेट के लिए अहम 116 रनों की अहम साझेदारी हुई। इंग्लैंड के गेंदबाज मोईन अली, जो रूट और आदिल राशिद ने दो-दो विकेट, जबकि जेक बॉल ने एक विकेट लिया। दिन का खेल खत्म होने तक टीम इंडिया ने सात विकेट पर 451 रन बनाए। विराट कोहली 241 गेंदों में 17 चौकों की मदद से 147 रन और जयंत यादव 86 गेंदों में 3 चौकों की मदद से 30 रन बनाकर नाबाद लौटे।
मुंबई टेस्ट मैच का दूसरा दिन
मुंबई टेस्ट मैच के दूसरे दिन जब टीम इंडिया बल्लेबाजी के लिए मैदान पर उतरी तो सलामी बल्लेबाज मुरली विजय और लोकेश राहुल ने अच्छी शुरुआत की। दोनों ने धीरे-धीरे स्कोर को आगे बढ़ाया। लेकिन राहुल 24 के स्कोर पर अपना विकेट दे बैठे। लेकिन खराब फॉर्म से जूझ रहे मुरली विजय ने अपना फोकस बनाए रखा और करियर का 15वीं हाफ सेंचुरी लगाई और वो 70 के स्कोर पर नॉटआउट रहे। इसके अलावा चेतेश्वर पुजारा ने बेहतरीन 47 रनों की पारी खेली दिन का खेल खत्म होने तक टीम इंडिया एक विकेट के नुकसान पर 146 रन बनाए।
दूसरे दिन भारतीय गेंदबाजी
खेले के दूसरे दिन भारतीय गेंदबाजों का जलवा रहा। आर अश्विन ने पारी में सबसे ज्यादा पांच या उससे ज्यादा विकेट लेने के मामले में भारतीय गेंदबाजों के बीच तीसरा स्थान हासिल किया और पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव की बराबरी की। अश्विन ने 23वीं बार यह कारनामा किया है। आर अश्विन ने महज 43वें टेस्ट में ये मकाम हासिल कर लिया। जबकि कपिल देव ने 131 टेस्ट की 227 पारियों में ये कारनामा किया था। हरभजन ने 103 टेस्ट मुकाबलों में 25 बार ये कारनामा किया है। जबकि कुंबले ने 132 टेस्ट में 35 बार एक पारी में 5 विकेट अपने नाम किए हैं। इंग्लैंड की पहली पारी लंच के कुछ ही समय बाद 400 रन पर सिमटी।
जेनिंग्स ने अपने डेब्यू मैच को यादगार बनाया
डेब्यू मैच खेल रहे कीटन जेनिंग्स ने शानदार 112 रनों की पारी खेली और अपने डेब्यू को यादगार बनाया। इसके अलावा जॉस बटलर 76 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली। टीम इंडिया की तरफ से आर अश्विन ने छह और जडेजा ने चार विकेट लिए। दूसरे दिन जडेजा ने तीन और अश्विन ने दो विकेट लिए। अश्विन ने पहले दिन 4 विकेट झटके थे, जबकि जडेजा को एक विकेट मिला था।
मुंबई टेस्ट मैच का पहला दिन
इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। कप्तान एलिस्टर कुक और कीटन जेनिंग्स से इंग्लैंड की पारी की शुरुआत की दोनों बल्लेबाजों ने संभलकर बल्लेबाजी की और भारतीय गेंदबाजों का डटकर सामना किया। जेनिंग्स और कप्तान कुक के बीच पहले विकेट के लिए 99 रनों की साझेदारी हुई। एक समय इंग्लैंड का स्कोर दो विकेट के नुकसान पर 230 रन था।
लेकिन टी-ब्रेक के बाद भारतीय गेंदबाजों ने वापसी की और जल्दी-जल्दी तीन विकेट झटके। डेब्यू कर रहे कीटन जेनिंग्स के नाम रहा, जिन्होंने 186 गेंदों में शतक लगाया और 112 रन बनाकर आउट हुए। इंग्लैंड की तरफ से मोईन अली ने 50, एलिस्टर कुक ने 46 और जो रूट ने 21 रनों की पारी खेली। भारतीय टीम की तरफ से आर अश्विन ने चार विकेट झटके हैं। रवींद्र जडेजा को एक विकेट मिला।
टीमें इस प्रकार हैं -
भारत : विराट कोहली (कप्तान), मुरली विजय, चेतेश्वर पुजारा, रविचंद्रन अश्विन, पार्थिव पटेल (विकेटकीपर), रवींद्र जडेजा, उमेश यादव, करुण नायर, जयंत यादव, भुवनेश्वर कुमार और लोकेश राहुल।
इंग्लैंड : एलिस्टर कुक (कप्तान), कीटन जेनिंग्स, जॉनी बेयरस्टॉ, जैक बॉल, जोस बटलर, मोईन अली, आदिल राशिद, जो रूट, बेन स्टोक्स, जेम्स एंडरसन और क्रिस वॉक्स।